मीठे पानी की मांग को लेकर संसदीय चुनाव बहिष्कार ,मीठा पानी नहीं तो वोट नहीं।
रवेन्द्र जादौन दैनिक अमर स्तम्भ
*परसादपुर व नगला बखत में दशकों से नहीं चखा मीठे पानी का स्वाद- ग्रामीणजन
एटा/जलेसर -आगरा लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जलेसर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सकरौली के गांव नगला बखत व परसादपुर के वाशिंदों ने दशकों से मीठे पानी का स्वाद नहीं चखा है। लोग आज भी खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पेयजल योजना के अन्तर्गत करोड़ों रुपए के बन्दर बाँट के वावजूद शकरौली पंचायत क्षेत्र की खारे पानी की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए योगी सरकार द्वारा स्वीकृत की गई 28 करोड़ रुपये की लागत की टीटीएसपी परियोजना भी स्थानीय वाशिन्दों को मीठा पानी मुहैया नही करा सकी है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों से लगाई गई गुहार भी लोगों के हलक तर कराने में नाकाम रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों से किये गये बायदे सिर्फ चुनावी जुमले बन कर रह गए हैं। परिणामस्वरूप बुधवार को इन दोनों गांवो के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से पानी नहीं तो वोट नहीं की तर्ज पर सामान्य लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। आगरा लोकसभा क्षेत्र अन्तर्गत जलेसर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सकरौली ग्राम पंचायत के मजरा जात गांव नगला बखत व परसादपुर की आबादी लगभग चार हजार है। मतदाताओं की संख्या भी लगभग डेढ़ हजार बतायी गयी है। गांव के ठाकुर सज्जन पाल सिंह, दिनेश पाल सिंह, प्रबल प्रताप सिंह, यतेन्द्र पाल सिंह आदि अनेकों ग्रामीणों ने बताया कि बीते कई वर्षो से गांव के लोग पीने योग्य पानी के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीणो द्वारा ब्लॉक, तहसील तथा क्षेत्रीय सांसदों, विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों तथा ग्राम प्रधान के अलावा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री प्रो0 एसपी सिंह बघेल से कई बार खारे पानी की समस्या से निजात दिलाये जाने की गुहार लगा चुके हैं। परंतु नतीजा अभी तक ढाक के तीन पात ही साबित हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2019 में 28 करोड़ की लागत से टीटीएसपी आधारित पेयजल योजना के अंतर्गत सकरौली पंचायत के लिए तीन ट्यूबेल तथा पानी की होज व टंकिया बनवाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसका वर्ष 2019-20 में केंद्रीय न्याय एवं विधि राज्य मंत्री व क्षेत्रीय सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तथा विधायक संजीव कुमार दिबाकर द्वारा इस परियोजना का विधिवत शिलान्यास भी किया गया था। जिसमे एक पानी की टंकी गांव महापुर एवं नगला बखत के बीच चयनित किये गए स्थल पर बन बनायी जानी थी। जिसका प्रस्ताव भी कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम एटा द्वारा लगभग तीन वर्ष पूर्व ही कर दिया गया था। ताकि इस पानी की टँकी तक मीठे पानी की बोरिंग से पाइप लाइन द्वारा गांव महापुर, नगला बखत तथा परसादपुर के लिए मीठे पानी की आपूर्ति की जा सके। परन्तु तीन वर्ष की अवधि के अंदर शकरौली पंचायत के सभी मजराजात में दस-दस हजार लीटर के 23 टैंक रखबाकर समस्त धनराशि का बन्दर बाँट किया जा चुका है परन्तु आज तक किसी भी टैंक में पेयजल का कनेक्शन तक नहीं जुड़ा है। वर्षों बीत जाने के बावजूद अभी तक पेयजल की टँकी नहीं बन सकी है। ग्रामीणों के अनुसार एक पखवाड़ा पूर्व गाँव महापुर के लोगों द्वारा गाँव सोना-मई के निकट एक सप्ताह पूर्व मीठे पानी के लिए बोरिंग तो कर दिया गया है। परन्तु इस बोरिंग के मीठे जल के भंडारण के लिए टंकी नहीं बनायी गयी है। जबकि इस बोरिंग को गांव नगला उदी स्थित पानी की टँकी से जोड़े जाने तथा गांव महापुर व नगला बखत के बीच प्रस्तावित पानी की टँकी को न बनबाये जाने की जानकारी जल निगम के अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। जिसे लेकर दोनो गांवों के निवासियों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने जल निगम के इस तानाशाह रवैये के विरोध में आगामी सामान्य लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार किये जाने का सामूहिक रूप से ऐलान किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रस्तावित पानी की टँकी का निर्माण कार्य शुरू न कराया गया तो वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे।सुरेशपालसिंह महापुर, प्रवीन प्रताप सिंह, गंगा प्रसाद, अशोक कुमार, बीरेश पाल सिंह, हुतेन्द्र पाल सिंह, रबेन्द्र पाल सिंह, प्रेमपाल सिंह, संजय सिंह, राजेन्द्र कुमार, राजवीर सिंह, रामजीलाल, भगवान दास, अमित कुमार, विश्वनाथ प्रताप, प्रशान्त प्रताप, राजेश कुमार, वीरेन्द्रकुमार, अशोक पाल सिंह, पप्पू सिंह, पंकज कुमार, लीलाधर, दानवीर, दुर्गपालसिंह, महेशपालसिंह, चौब सिंह, इन्द्रपाल सिंह, न. बखत, योगेन्द्रपालसिंह, सतेन्द्र प्रताप सिंह, कालीचरन, राजकुमार, हरिओम कुमार, पूरन सिंह, जसवन्त सिंह, मंगल सिंह, उदयवीर सिंह, आदि अनेक ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं जल निगम के अधिशाषी अभियंता विश्वजीत सिंह का कहना है कि गांव महापुर के नजदीक पानी की टँकी प्रस्तावित होने की जानकारी अधीनस्थ अधिकारियों से की जायेगी। फिलहाल वह वीसी में हैं। पेयजल समस्या के सम्बंध में जिलाधिकारी एटा से बात की गई तो बताया कि कौन-कौन से गाँव हैं हमें बताएं हम अभी चैक करवाते हैं।