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अनुकंपा नियुक्ति के चाह में सेवानिवृत्त शिक्षक ने लिया फर्जी गोदनामा, शिक्षिका सोनिया राठौर,पति,ससुर सहित कौन कौन है षडयंत्र में शामिल

भागवत दीवान

कोरबा में अनुकंपा नियुक्ति का एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें नियुक्ति को नियम विपरीत का आरोप लगाते हुए प्राथमिक एवं उच्च स्तर में शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता की माने तो शासकीय प्राथमिक शाला नंगोईखार संकुल केंद्र दर्री विकासखंड कटघोरा जिला कोरबा में पदस्थ शिक्षिका सोनिया राठौर की अनुकंपा नियुक्ति को नियमों को ताक पर रख किया गया हैं। जो नियम विपरीत के साथ-साथ अपराधिकृत की श्रेणी में आता है।उन्होंने बताया की सेवा पुस्तिका में प्रथम पृष्ठ में उल्लेखित कुमारी सोनिया राठौर पिता श्री समय लाल राठौर अंकित है और स्वर्गीय श्रीमती सावित्री राठौर के मृत्यु उपरांत सोनिया राठौर को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है।

लेकिन D.Ed के अंक सूची में कुमारी सोनिया राठौर के पिता का नाम श्री उमेंद्र राठौर एवं माता का नाम श्रीमती हीरा राठौर अंकित है जो उपर्युक्त माता-पिता के नाम की भिन्नता को स्पष्ट करता है या यूं कहें कि दोंनो दरस्तावेजो के नाम में अंतर है जो सोनिया राठौर के अंक सूची व शैक्षणिक प्रमाण पत्र से प्रदर्शित होता है। आपको बता दें समय लाल राठौर शिक्षक के पद से सेवा निवृत्त हुए हैं उनका पुत्र क्रांति राठौर भी शासकीय सेवक शिक्षक है क्रांति राठौर की मां सावित्री राठौर भी शासकीय सेवा में थी ऐसे में इस परिवार में अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश और नियम के अनुसार अनुकंपा (दया) प्रश्न हीं नहीं खड़ा होता।शिकायतकर्ता के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए समय लाल राठौर ने सोनिया राठौर को 24 साल की उम्र में पहले अपनी पुत्री बनाया या यूं कहें गोद लिया यह कयास इसलिए है क्योंकि सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ में उल्लेखित सोनिया राठौर के नाम के पहले कुमारी लिखा हुआ है इससे स्पष्ट है कि विवाह के पहले उन्हें पुत्री बनाया गया।

सोनिया राठौर को गोद लेने के लिए पुत्री नहीं होने का हवाला देते हुए सामान्य दस्तावेज के आधार पर गोद ले लिया गया जबकि समय लाल राठौर का पहले से ही संतान है ऐसे में गोद लेने की प्रक्रिया के साथ-साथ गोद लेने का उद्देश्य अनुकंपा नियुक्ति के षडयंत्र को स्पष्ट परिभाषित करता है।आपको बता दे गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और इस प्रक्रिया के लिए निसंतान होना अति आवश्यक है लेकिन संतान होने के बावजूद बेटी की चाह प्रस्तुत करते हुए सोनिया राठौर को गोद लिया जाता है और सुंनियोजित तरीके से सोची समझी रणनीति के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति हासिल किया जाता है और फिर जिस लड़की को पुत्री बनाकर गोद लिया जाता है उसी लड़की से अपने पुत्र का विवाह कर दिया जाता है।

शिकायतकर्ता ने बताया सोनिया राठौर व ससुर समय लाल राठौर व उनके पुत्र क्रांति राठौर सभी के द्वारा मिलकर इस कूटरचना को अंजाम दिया गया है कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कहानी में सोनिया राठौर के पिता उमेंद्र राठौर की भी मिली भगत है सभी ने मिलकर इस षड्यंत्र को रचा है जो 420 ,120 बी का अपराध है इस मामले पर सिविल सेवा आचरण अधिनियम व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत त्वरित कार्रवाई करते हुए सोनिया राठौर की नियुक्ति के साथ-साथ उसमें शामिल सभी लोगों को कठोर से कठोर सजा दिया जाए साथ ही निसंतान नहीं होने के बावजूद पुत्री की लालसा बताते हुए गोदनामा पुत्री को बहू बना लिया गया सभी बिंदुओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि अपने निजी स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए सम्बंधित कानून और नियम निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वालों को कार्रवाई का भय बना रहे।

समय लाल राठौर शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं उनके विभागों में पहचान थी जिसका फायदा उठाते हुए स्वर्गीय सावित्री राठौर के मृत्यु उपरांत अनुकंपा नियुक्ति का जाल बुनते हुए सोनिया राठौर को पहले गोदनामा बेटी बनाया और विभागों के लोगों के साथ पैसे के दम पर अनुकंपा नियुक्ति हासिल कर ली और फिर जिसे बेटी बनाया था उसे ही बहू बना लिया। अब ऐसा तो कर लिया लेकिन जिस दस्तावेज में संतान होने के बावजूद बेटी की चाह बताते हुए पुत्री बनाया गया उस शपथ का क्या, जानकार बताते हैं कि दस्तावेज में झूठ के बुनियाद पर दिया गया विवरण भी अपराध की श्रेणी में आता है।उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर पूर्व में भी उच्च स्तरीय शिकायत की गई थी कार्रवाई का अभाव होने की स्थिति में लोक आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए दोषियों पर कार्रवाई के मामले मे शिकायत की गई है।

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