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आयुष्मान से इलाज के बाद भी 60000 रु ठगने का आरोप,पीड़ित ने गोपाल हॉस्पिटल के संचालक की शिकायत DM से की।

भागवत दीवान

छत्तीसगढ़/कोरबा

कोरबा जिला के कटघोरा में संचालित गोपाल हॉस्पिटल के संचालक द्वारा आयुष्मान कार्ड में इलाज के बावजूद पीड़ित से ₹60000 ठगने का आरोप लगा है। मामले की शिकायत पीड़ित ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत के समक्ष की है।शिकायतकर्ता के पुत्र कन्हैया लाल का आरोप है कि उसके पिता मंगल सिंह की तबीयत लगभग 2 महीने पूर्व खराब थी और उन्हें पेशाब के दौरान रक्त आने की शिकायत थी। बेहतर इलाज के लिए कटघोरा में संचालित गोपाल हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया जहां संचालक के द्वारा उसे बताया गया कि आपका इलाज आयुष्मान कार्ड में पूरी तरह निशुल्क हो जाएगा।इसके बाद गोपाल हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया गया।

भर्ती करने के दौरान आयुष्मान कार्ड में थंबिंग के साथ-साथ अन्य सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया और आयुष्मान कार्ड से इलाज भी शुरू कर दी गई, दूसरे दिन बताया गया आपके पिताजी की तबीयत ज्यादा खराब है और आयुष्मान कार्ड में जितना इलाज होना था वह हो गया ।सर्जरी की आवश्यकता है जो आयुष्मान कार्ड से नहीं हो सकता आयुष्मान कार्ड में जितना पैसा पैकेज में मिला था उसके बाद भी आपको पैसा लगेगा। पैसों की व्यवस्था कर लीजिए उसके बाद आपका इलाज यहां हो जाएगा इलाज के लिए कम से कम 25 से ₹30000 अलग से देना पड़ेगा।इसके बाद पीड़ित परिवार ने कुछ दिन बीत जाने के बाद ₹20000 नगद जमा किया पैसा जमा करने के बाद उनका इलाज किया गया इस दौरान अलग-अलग किस्तों में दवाई एवं अन्य खर्चो के साथ-साथ जांच की बात कहते हुए लगभग ₹40000 कुल मिलाकर ₹60000 पीड़ित से जमा कर लिया गया, और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

इस दौरान उन्हें बताया गया कि 1 महीने बाद आप सोनोग्राफी करवा लीजिएगा।इलाज करवा कर घर जाने के बाद भी शिकायतकर्ता के पिताजी के यूरिनल द्वारा से रक्त आना और जलन की समस्या के साथ-साथ दर्द में कमी नहीं हुई।एक माह बीत जाने के बाद कटघोरा स्थित रश्मि डायग्नोस्टिक सेंटर में फिर से सोनोग्राफी कराया गया जहां उन्हें बताया गया कि आपकी समस्या बनी हुई है आप किसी अच्छे जगह में अपने पिताजी का उपचार कराओ।जिसके बाद पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके पिताजी का इलाज अच्छे से नहीं हुआ है साथ ही आयुष्मान के नाम से इलाज की बात कहने के बाद भी उनसे ₹60000 नगद ठग लिया गया।मामले की शिकायत कोरबा कलेक्टर को लिखित में करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।

साथ ही कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई हेतु छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद रायपुर, अनुसूचित जनजाति आयोग के समक्ष शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।जानकारी के अनुसार इस मामले की शिकायत कोरबा कलेक्टर के समक्ष होने के बाद कोरबा कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दे दिए साथ ही लापरवाही पाए जाने की स्थिति में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।इस मामले को लेकर जब अस्पताल प्रबंधक से उनका पक्ष जानने पर उन्होंने बताया शिकायतकर्ता अपने पिताजी को लेकर इलाज के लिए अस्पताल आया था और पहले बार इलाज उनका आयुष्मान कार्ड से हुआ दूसरी बार उनका इलाज नगद शुल्क लेकर किया गया।पीड़ित को बताया गया कि उन्हें कैंसर का लक्षण है।सवाल उठना लाजिमी है यदि डॉक्टर को कैंसर का लक्षण की अंदेशा थी तो उसे क्या लिखित में बताया गया या यूं ही मौखिक प्रयासों के आधार पर उन्हें बेहतर उपचार का सलाह दे दिया गया।

अस्पताल प्रबंधन ने यह भी बताया कि पहली बार का इलाज आयुष्मान कार्ड से किया गया जिसमें लगभग ₹35000 का कटौती किया गया। जिसके एक हफ्ते बाद उनका शुल्क लेकर सीजर किया गया। सवाल यहां भी लाजमी है, अखिल अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसा कौन सा ट्रीटमेंट किया गया जिसमें 35000 का कटौती पहले किया गया और उसके एक हफ्ते बाद 60000 हजार रुपए के शुल्क के साथ उसका उपचार किया गया।संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि ऐसे अस्पताल प्रबंधकों की मनमानी पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए ताकि आयुष्मान कार्ड के आड़ में नगदी पैसा लेकर ठगे जाने के साथ-साथ भोले भाले ग्रामीणों के साथ होने वाले छलावा से बचाया जा सके ।

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