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आवास प्लस 2.0 की सर्वे तिथि में वृद्धि, लेकिन सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे जमीनी कर्मचारी

राघवेंद्र सिंह बलौदाबाजार/दैनिक अमर स्तंम्भ

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पात्र गरीब ग्रामीणों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु जारी आवास प्लस 2.0 सर्वे की समय-सीमा एक बार फिर बढ़ाकर 26 जून 2025 तक कर दी गई है। केंद्र सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक छूटे हुए पात्र परिवारों को चिन्हित कर इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ दिया जा सके। लेकिन जमीनी स्तर पर हो रही लापरवाही सरकार की इस संवेदनशील पहल पर पानी फेरती नजर आ रही है। सरकार द्वारा आवास प्लस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से छूटे हुए परिवारों का सर्वेक्षण करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्य में ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तथा आवास मित्रों को सर्वेयर के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनका काम घर-घर जाकर पात्र परिवारों की पहचान करना है। लेकिन बलौदाबाजार जिले में सर्वेयरों की लापरवाही, कर्तव्यहीनता और मनमानी के कारण यह कार्य गंभीर संकट में है। पिछली बार भी लगातार यह सुनने में आया था कि कई पंचायतों में सर्वे नहीं किया जा रहा है । शिकायतें यह भी आईं कि कुछ जगहों पर सर्वे के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में सर्वेयर महीनों से दिखाई ही नहीं दे रहे, जिससे पात्र लोग भटकते फिर रहे हैं। भले ही सरकार ने लोगों को खुद से मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वे कराने की सुविधा दी हो, लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर ग्रामीणों के पास एंड्रॉइड फोन नहीं हैं, और जिनके पास मोबाइल है लेकिन वे तकनीकी जानकारी के अभाव में सर्वे नहीं कर पा रहे। ऐसी स्थिति में सर्वेयर की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, लेकिन वे कर्तव्य से मुंह मोड़ रहे हैं।यदि ग्राम सचिव, रोजगार सहायक और आवास मित्र ईमानदारी से अपने क्षेत्र के घर-घर जाकर सर्वे करें, तो हजारों गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सकता है। यह सिर्फ सरकारी आदेश पालन का मामला नहीं है, बल्कि यह गरीबी हटाने और सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार से जुड़ा प्रश्न है। इस गंभीर स्थिति में ग्रामीणों का भी यह कर्तव्य बनता है कि यदि कोई सर्वेयर सर्वे नहीं कर रहा हो, पैसे की मांग कर रहा हो या टालमटोल कर रहा हो, तो तत्काल उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दें। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे क्षेत्रीय कर्मचारियों की सख्त मॉनिटरिंग करें और लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।सरकार ने तिथि भले ही बढ़ाई है, लेकिन यह केवल औपचारिकता नहीं है। यदि समय रहते ईमानदारी से सर्वे नहीं हुआ, तो सैकड़ों पात्र परिवार इस बार भी योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे। इसीलिए अब समय आ गया है कि सरकार, प्रशासन और आम जनता मिलकर ‘आवास प्लस 2.0’ को जमीन पर उतारें और गरीबों के सपनों को सच करें। खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में प्रशासन से जानकारी लेकर खबर पुन प्रकाशन करेगी….

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