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एक परिवार, एक पहचान’:  इस नई व्यवस्था में क्या है खास? एटा में डीएम ने किया आगाज

रवेन्द्र जादौन की खास रिपोर्ट 

एटा ~ एक परिवार, एक पहचान’: – इस नई व्यवस्था में क्या है खास? एटा में डीएम ने किया आगाज

 उत्तर प्रदेश सरकार की फैमिली आईडी योजना एटा में लॉन्च, डीएम ने किया शिविर का उद्घाटन। क्या यह नागरिकों के लिए फायदेमंद है?

 उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी फैमिली आईडी योजना ने एटा में दस्तक दे दी है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने फीता काटकर इस विशेष शिविर का शुभारंभ किया, लेकिन इस पहल के पीछे का असली मकसद क्या है? क्या यह वाकई नागरिकों को योजनाओं से जोड़ने का क्रांतिकारी कदम है, या इसके पीछे कोई और रहस्य छिपा है?

डीएम प्रेम रंजन सिंह ने इस अवसर पर फैमिली आईडी को प्रत्येक परिवार के लिए एक विशिष्ट डिजिटल पहचान बताते हुए इसे सरकार की योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करेगी”

शिविर में पंजीकरण, दस्तावेज सत्यापन और आधार-मोबाइल लिंकिंग जैसी सुविधाएं तो उपलब्ध कराई गईं, लेकिन आम नागरिकों के मन में कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। क्या यह वाकई सरकारी सेवाओं को सुगम बनाएगी, या फिर यह नागरिकों की निजी जानकारियों का एक विशाल संग्रह मात्र बनकर रह जाएगी?

एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश ने योजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए सरकार और जनता के बीच की दूरी कम होने की बात कही, लेकिन इस डिजिटल पहचान के भविष्य को लेकर आशंकाएं अभी भी बनी हुई हैं। क्या इस आईडी के जरिए हर परिवार की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी? क्या यह नागरिकों की स्वतंत्रता पर किसी तरह का अंकुश लगाएगी?

इन सवालों के बीच, एडीएम वित्त एवं राजस्व लालता प्रसाद शाक्य और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति ने इस पहल की गंभीरता को तो दर्शाया, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। एटा के नागरिक इस नई डिजिटल पहचान को किस रूप में स्वीकार करते हैं और यह उनके जीवन में क्या बदलाव लाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यह वाकई विकास का नया अध्याय लिखेगी, या फिर एक ऐसा रहस्य बनकर रह जाएगी जिसके सभी पहलू अभी सामने नहीं आए हैं?”

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