पप्पू यादव (सह सम्पादक)
कानपुर (अमर स्तम्भ)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) की ओर से कानपुर जिला कारागार में कैदियों के साथ गणतंत्र दिवस मनाने हेतु एक डेलिगेशन पहुंचा,इस डेलिगेशन का नेतृत्व APCR की जॉइंट सेक्रेटरी आभा शुक्ला ने किया। जेल अधीक्षक ने डेलिगेशन का गर्मजोशी से स्वागत किया और पूर्ण सहयोग प्रदान किया।इस अवसर पर कैदियों और जेल प्रशासन के बीच संवाद हुआ।चर्चा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जेल की कुल क्षमता 1245 बन्दियों की है,परन्तु वर्तमान में 1991 कैदी निरुद्ध हैं। इनमें 1587 पुरुष विचाराधीन कैदी और 57 महिलाएं शामिल है शेष सिद्ध दोष है।
कुछ कैदी ऐसे भी पाए गए जिनके जुर्माने का भुगतान होने पर उन्हें रिहा किया जा सकता है परन्तु उन कैदियों की माली हालात ठीक न होने के कारण उनकी रिहाई नही हो पा रही है,संगठन ने ऐसे कैदियों की सूची मांगी और उनकी रिहाई के लिए जुर्माने का भुगतान कर उनको जेल से छुड़ाने का आश्वासन दिया।
APCR की ओर से कैदियों के बीच 5000 लड्डुओं का वितरण किया गया और संभावित निर्दोष बंदियों को रिहा कराने हेतु उनकी पहचान की गई।संस्था की प्रदेश संयुक्त सचिव आभा शुक्ला ने पत्रकारों को बताया यह आयोजन APCR की कैदियों के अधिकारों और पुनर्वास के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है उन्होंने कहा संगठन का उद्देश्य आम जनता को न्याय दिलाना और मानवाधिकारों की रक्षा करना है।कार्यक्रम में आभा शुक्ला के साथ अधिवक्ता सैयद शरीफ अहमद अधिवक्ता, अब्दुल्ला, समाजसेवी रईस,देवी प्रसाद, और अधिवक्ता मोहम्मद याकूब आदि लोग मौजूद रहे।