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चतुर्थ दिवस, राम कथा में बाल लीलाओं का संगीतमय वर्णन 

रवेन्द्र जादौन की खास रिपोर्ट एटा 

एटा/जलेसर- विगत दिनों से ग्राम फरीदपुर में  अनवरत चल रही  श्री राम कथा के भव्य  आयोजन में  परम पूज्य  श्री राम जी भाई महाराज के  मुखारविंद से सरल व  सरस वाणी में  अमृत वर्षा  रूपी अमृतकथा का रसास्वादन करने के लिए उत्साहित  श्रृद्धालुओं का अपार जन समूह कथा पाण्डाल की भव्यता  दर्शाने के साथ  साथ  सरस कथा वाचक परम श्रद्धेय आचार्य जी  की भव्यता  व्यक्त  करने का कौशल व सरस प्रस्तुति  को दर्शाता है। तृतीय दिवस की श्री रामचरित मानस गाथा के अन्तर्गत  श्री राम चर्चा में बाल  काण्ड  के माध्यम सेश्री राम की बाल लीलाओं का  संगीतमय  सविस्तार वर्णन किया है। श्री राम की बाल लीलाओं में  ठुमक-ठुमक चलते बाजत पेंजनियां संगीतमय प्रस्तुति देकर उपस्तिथि भक्तों को भाव बिभोर कर दिया। गुरू गृह पढने गये रघुराई,अल्प काल सब विद्या पायी आदि श्री  राम चरित मानस की चौपाकइयों का उपदेशात्मक वर्णन किया है। विश्वामित्र दशरथ संवाद, राम लक्ष्मण का मांग कर ले जाने का वर्णन किया। तालिका वध, यज्ञ रक्षा अवेध्य कवच का वर्णन कर विश्वामित्र दारा अस्त्र शस्त्र विद्या पाकर पारंगत होने के साथ साथ  अदृश्य शक्ति का ज्ञान प्राप्त किया। अनेकानेक  विद्याओं  का विस्तार से वर्णन किया। कथा विश्राम से पूर्व  मुख्य आगन्तुकों के द्वारा  आचार्य जी का पुष्पहार व वीणापाणी माॅ ,सरस्वती  के छायाचित्र भेंट कर  सम्मानित किया गया। बीच बीच में सामाजिक बुराइयों से बचने  के उपदेश प्रदान किये गये। आरती के बाद प्रसाद वितरण कर श्री राम कथा का विश्राम कर भक्तों को आशीर्वाद दिया गया। 

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