
राघवेंद्र सिंह बलौदाबाजार/दैनिक अमर स्तंम्भ
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी “चावल तिहार” योजना के तहत जून, जुलाई और अगस्त महीने का राशन एक साथ वितरित किया जा रहा है। योजना की अंतिम तिथि पहले 30 जून निर्धारित की गई थी, जिसे अब जिला खाद्य विभाग द्वारा 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। यह जानकारी जनसूचना संपर्क केंद्र, बलौदाबाजार से प्राप्त हुई है।विस्तार से पहले ही उठने लगे सवालतिथि विस्तार की घोषणा के बाद जहां ग्रामीण हितग्राहियों में राहत की लहर दौड़ी है, वहीं दूसरी ओर राशन दुकानों के लगातार बंद रहने से नाराजगी और असंतोष गहराता जा रहा है।विशेष रूप से सुहेला क्षेत्र में लगातार चार दिनों से केंद्र बंद पाए जा रहे हैं। न तो दुकानों के खुलने का समय तय किया गया है और न ही कोई सूचना पट लगाया गया है। परिणामस्वरूप हितग्राही रोजाना केंद्रों तक आकर खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की प्रमुख समस्याएंराशन दुकानें बिना किसी सूचना के बंदरोजाना आना-जाना, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादीबारिश व खराब सड़कों से महिलाओं व बुजुर्गों को खास परेशानीग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की अव्यवस्था से उन्हें अपमानित और उपेक्षित महसूस होता है।
“अगर शासन 100% वितरण का लक्ष्य चाहता है, तो राशन केंद्रों को नियमित और समयबद्ध रूप से खुलवाना आवश्यक है,” एक हितग्राही ने बताया।
खाद्य विभाग बना मौन दर्शक
समस्या को लेकर जिला खाद्य अधिकारी विजय किरन से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इससे ग्रामीणों की चिंता और असंतोष और अधिक बढ़ गया है।लोगों का कहना है कि योजना कागजों पर तो सफल नजर आती है, लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल विपरीत है।
ग्रामीणों की मांगें
राशन दुकानों को नियमित रूप से और समय पर खोला जाएकेंद्रों पर सूचना पट लगाए जाएं, जिसमें खुलने का समय व तारीख स्पष्ट होजिन हितग्राहियों को राशन नहीं मिला है, उन्हें पुनः प्राथमिकता दी जाएविक्रेताओं की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष
“चावल तिहार” योजना शासन की एक जनकल्याणकारी और सराहनीय पहल है, लेकिन इसका क्रियान्वयन लापरवाही और अनियमितता की भेंट चढ़ रहा है। यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो यह योजना ग्रामीणों के बीच विश्वास की कमी और असंतोष को जन्म दे सकती है। शासन और प्रशासन को चाहिए कि वे तत्काल संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि योजना का वास्तविक लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके।