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चावल तिहार” योजना में लापरवाही: विक्रय केंद्र में जड़ा ताला, ग्रामीण हुए परेशान

बलौदाबाजार से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट,,,,,

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलायी जा रही महत्वाकांक्षी “चावल तिहार” योजना के अंतर्गत जून, जुलाई और अगस्त माह में निःशुल्क चावल वितरण किया जा रहा है। योजना के तहत जून माह के लिए अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई थी। हालांकि, जानकारी के अनुसार अब वितरण की अवधि को आगामी 7 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे अब तक वंचित रह गए हितग्राहियों को लाभ मिल सके।

लेकिन स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाओं की पोल खुलती नजर आ रही है। ग्राम सुहेला स्थित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) विक्रय केंद्र पर अंतिम तिथि 30 जून को और उसके बाद भी ताला जड़ा मिला। मंगलवार को भी केंद्र नहीं खुला, जिससे दर्जनों ग्रामीणों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है। अक्सर केंद्र बंद रहता है, और खुलने का कोई निश्चित समय भी नहीं बताया जाता। न ही केंद्र पर समय-सारणी प्रदर्शित है और न ही मूल्य सूची। इससे दूर-दराज से आने वाले लोगों को बार-बार परेशान होना पड़ता है।

शक्कर के मूल्य में अनियमितता का आरोप
हितग्राहियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र पर शासन द्वारा निर्धारित ₹17 प्रति किलो शक्कर के स्थान पर ₹20 वसूले जा रहे हैं। इसके बावजूद बिल नहीं दिया जाता और सूचना पटल पर भी कीमत का कोई उल्लेख नहीं है।

ग्रामीणों की मांगें
ग्रामीणों और हितग्राहियों ने शासन से मांग की है कि:

विक्रय केंद्रों की नियमित निगरानी की जाए,

लापरवाह विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई हो,

केंद्रों पर समय-सारणी और मूल्य सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए।

प्रशासन से अपील
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो लोगों का विश्वास शासन की योजनाओं और प्रशासन पर से उठ सकता है। “चावल तिहार” जैसी जन-कल्याणकारी योजना का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर और पारदर्शिता के साथ पहुँचना चाहिए, अन्यथा इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

हितग्राही ग्रामीण प्रकाश ने बताया कि अपना कार्य छोड़कर अंतिम दिवस 30 जून है कहकर को वह केंद्र गया था लेकिन ताला जड़ा पाया गया जिसे बहुत परेशान हो गए तथा जानकारी मिलने पर वह विक्रेता 9 किलोमीटर दूर उसके गांव गए जहां पर उसका अंगूठा लगाया गया लेकिन चावल नहीं दिया गया न ही किसी प्रकार का प्रिंट बिल दिया गया। 5 से 6 हितग्राहियों भी वहां पर गए थे बताया गया ।

ग्रामीण हितग्राही वंश ने बताएं कि कई बार बिल की मांग करने पर भी बिल नहीं देते हैं विक्रेता द्वारा पेपर नहीं है, मशीन खराब है बोलकर मना कर देते है जिससे निराश होकर ठगा सा महसूस होकर के वापस लौटना पड़ता है उनका कहना है कि बिल हमारा अधिकार है और हमें अपने अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

सुहेला केंद्र के विक्रेता रामकुमार साहू से लगातार दो दिनों से फोन द्वारा संपर्क किया गया परंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया ।

अनुविभागीय अधिकारी सिमगा अंशुल वर्मा ने फोन पर बताया कि फूड इंस्पेक्टर से प्राप्त जानकारी अनुसार 99.99 प्रतिशत राशन वितरण हो गया है हाल ही में सरपंच सचिव अन्य रिप्रेजेंटेटिव से बात की गई थी किसी के द्वारा कोई भी अनियमितता की कंप्लेन नहीं लिखी गई है आने वाले समय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत की जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही करेंगे, राशन वितरण का समय 7 तारीख तक बढ़ाया गया है बताया गया।

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