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जाते-जाते रोशनी दे गईं मां: नेत्रदान से दो ज़िंदगियों में उजाला

समालखा – मॉडल टाउन निवासी 80 वर्षीय श्रीमती भागवंती देवी के निधन के उपरांत उनके परिवार ने समाज के लिए प्रेरणादायक कदम उठाते हुए उनका नेत्रदान करवाया। जन सेवा दल के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद कुलभूषण अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि देर रात स्वर्गीय श्री भोला राम जी की धर्मपत्नी श्रीमती भागवंती देवी का निधन हो गया था। उनके सुपुत्र अनिल और सुनील ने मां के नेत्रों का दान कर एक सराहनीय कार्य किया। नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए सुबह माधव नेत्र बैंक करनाल के डॉक्टर चंद्र मोहन चावला, जन सेवा दल पानीपत के अध्यक्ष चमन लाल गुलाटी, कपिल मनचंदा, कृष्ण मनचंदा और अन्य सहयोगियों के साथ समालखा पहुंचे। नेत्रदान के दौरान प्रभु का सिमरन किया गया और एक भावुक माहौल में यह कार्य संपन्न हुआ।
जन सेवा दल समालखा और पानीपत की ओर से परिवार को नेत्रदान प्रमाण पत्र भेंट किया गया। इस अवसर पर चमन लाल गुलाटी ने अरदास करते हुए कहा, माता जी जाते-जाते एक ऐसा पुण्य कार्य कर गईं जो दो अनजान नेत्रहीनों के जीवन में उजाला भर देगा। अब वे भी परमपिता परमात्मा की बनाई सुंदर दुनिया को देख सकेंगे। यह सचमुच एक महान कार्य है। उन्होंने कहा कि, मनुष्य को जीते-जी रक्तदान और जाते-जाते नेत्रदान अवश्य करना चाहिए। यदि संभव हो तो देहदान भी करना चाहिए, ताकि चिकित्सा विज्ञान को भी इससे लाभ मिल सके। इस अवसर पर परिवार की ओर से पुत्रवधुएं सीमा और किरण उपस्थित थीं। साथ ही पूर्व पार्षद एडवोकेट संजीव अनेजा, रवि सचदेवा, गगन, संजीव खन्ना, पंकज अरोड़ा, गोल्डी और विकास साहू भी मौजूद रहे। भागवंती देवी के इस पुण्य कार्य ने समाज के लिए एक अनुकरणी उदाहरण है।

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