
राघवेंद्र सिंह
बलौदाबाजार/दैनिक अमर स्तंम्भ
दबंगो की दादागिरी के कारण अपनी ही जमीन में क़ृषि कार्य करने से वंचित
- रायपुर निवासी राधेश्याम साहू ने सोमवार कों पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार के समक्ष जिले में पदस्थ एक पुलिसकर्मी द्वारा झूठी केश में फ़साने व जान से मारने की धमकी देने के विरुद्ध स्वयं तथा परिवार की रक्षा हेतु व उचित न्याय की मांग कों लेकर मुलाकत की तथा आवेदन सौपा। बतादे की पूरा मामला रायपुर जिला से सम्बंधित है जहाँ राधेश्याम साहू ने रायपुर के समीप ग्राम सारागांव, पटवारी हल्का नंबर 10 में स्थित खसरा नंबर 142/1 की जमीन भूमिस्वामी चन्द्रदेव साहू से विधिवत रूप से पंजीकृत विक्रय दस्तावेज़ के माध्यम से खरीदी है । यह ज़मीन उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी और सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की। लेकिन जब वे इस ज़मीन पर कब्जा लेने पहुँचे, तो उन्हें वहाँ सोमदेव साहू तथा जगदेव साहू ने रोक दिया। जगदेव साहू, जो स्वयं को पुलिसकर्मी बताकर दबंगई दिखा रहे हैं, न केवल राधेश्याम को उनकी ज़मीन पर कब्जा करने से रोक रहे हैं, बल्कि उन्हें व उनके लड़को कों शराब, गाँजा के झूठे प्रकरण में फसा देने तथा गोली मारकर जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। राधेश्याम इस पूरी घटना से बेहद परेशान हैं और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं साथ ही सरागांव में उक्त ज़मीन विवाद को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है, जहाँ राधेश्याम साहू अपनी खरीदी हुई ज़मीन पर क़ृषि कार्य करने से वंचित हो गए है। पीड़ित राधेश्याम ने इस अन्याय के खिलाफ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद एसपी ने 8 तारीख तक समाधान का आश्वासन दिया है।
पुलिसकर्मी होने का धौंस व दबंगई, सीमांकन करने गए ऑफिसर कों भगाया
सारागांव में ज़मीन विवाद का यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। राधेश्याम साहू द्वारा विधिवत खरीदी गई भूमि पर कब्जा नहीं मिल पाने के बाद अब यह मुद्दा और गंभीर हो गया है। हाल ही में जब सरकारी अधिकारी एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी ज़मीन का सीमांकन करने पहुँचे, तो उन्हें भी सोमदेव साहू व पुलिसकर्मी जगदेव साहू ने धमकाकर बलपुर्वक भगा दिया। दबंगई का यह मामला न केवल व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों पर हमला है, बल्कि कानून और प्रशासन की कार्यवाही पर भी सवाल खड़ा करता है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों का हनन है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी एक परीक्षा बन चुकी है। यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह संदेश जाएगा कि दबंगई के बल पर किसी की संपत्ति छीनी जा सकती है और कानून कुछ नहीं कर पाएगा।
राजस्व विभाग की कार्यवाही पर असर, बढ़ी प्रशासन की जिम्मेदारी
राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन किया जाना इस विवाद को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन सोमदेव साहू व जगदेव साहू की दबंगई ने इसे असफल कर दिया। सरकारी कर्मचारियों को धमकाकर भगाने की घटना ने यह साबित कर दिया कि यह सिर्फ एक साधारण ज़मीन विवाद नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती भी है क्योंकि विष्णु के सुशासन में इस तरह से लोगों द्वारा अपनी दबंगई के बल पर सरकारी कामकाज में बाधा डाला जा रहा है। पुरे मामले में अब प्रशासन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गयी है कि अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह अन्य लोगों के लिए भी एक गलत उदाहरण पेश करेगा और भूमि विवादों में दबंगई की प्रवृत्ति को और बढ़ावा देगा।
क्या दबंगई के आगे झुकेगा कानून या मिलेगा न्याय?
राधेश्याम साहू ने उक्त जमीन विधिवत नियमों का पालन करते हुए वैध रजिस्ट्री, इश्तिहार क्रयमूल्य का प्रतिफल राशि का भुगतान इत्यादि समस्त प्रक्रिया का पालन करते हुए क्रय किया है तथा वर्तमान में उस जमीन का नामांतरण भी राधेश्याम साहू के नाम में हो गया है। इतना सब होने के बावजूद भी किसान राधेश्याम साहू दबंगो के डर से अपनी जमीन में काबिज होकर क़ृषि कार्य नहीं क़र पा रहा है। अब यह मामला केवल राधेश्याम साहू की व्यक्तिगत संपत्ति का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र और कानून व्यवस्था की साख का भी है। यदि एक व्यक्ति अपनी कानूनी रूप से खरीदी गई ज़मीन पर कब्जा नहीं कर सकता और सरकारी अधिकारी भी धमकियों के कारण कार्यवाही करने से वंचित हो जाते हैं, तो यह समाज और प्रशासन दोनों के लिए चिंता का विषय है।
राधेश्याम साहू की न्याय की गुहार, एसपी ने दिया समाधान का आश्वासन
लगातार मानसिक तनाव झेल रहे हैं राधेश्याम साहू ने न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार को आवेदन दिया है। उन्होंने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया कि किस तरह सोमदेव साहू न केवल उन्हें धमका रहे हैं, बल्कि सरकारी अधिकारियों को भी अपना काम नहीं करने दे रहे। मामले कों गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार ने उचित समाधान का आश्वासन दिया है। अब क्पीड़ित की निगाहें इस पर टिकी हैं कि 8 तारीख तक प्रशासन इस समस्या का क्या समाधान निकालता है। क्या दबंगई पर कानून की जीत होगी, या फिर पीड़ित राधेश्याम साहू को न्याय के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में प्रशासन की कार्रवाई से मिलेगा।
चुकि पुरे मामले कों लेकर पुलिसकर्मी जगदेव साहू का पक्ष जानने हेतु संपर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं बन पाया है। खबर अभी शेष है अगले अंक में प्रकाशित किया जायेगा।