जयपुर – राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वाधान में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य संस्थागत यौन उत्पीड़न पीड़िताओं के बचाव, समाधान एवं जागरूकता को बढ़ावा देना रहा। यह कार्यशाला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर महानगर प्रथम, द्वितीय एवं जयपुर जिला के पैनल अधिवक्ताओं एवं पैरालीगल वॉलंटियर्स के लिए आयोजित की गई।
कार्यक्रम का आयोजन पोश एक्ट 2013 के अंतर्गत संवाद-डावन-जागृति 2025 अभियान के तहत किया गया, जिसमें प्राधिकरण की संस्थागत संरचना की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही विभिन्न संस्थानों में यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए आवश्यक आंतरिक शिकायत समिति के गठन, उसके क्रियान्वयन एवं समाधान की प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान नालसा द्वारा प्रकाशित आशा – बाल विवाह की रोकथाम नारी की उड़ान और “ग्रीन बेरीडिस्ट” जैसे विषयों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने और आम जन की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल कानूनी रूप से सक्षम बनाना रहा, बल्कि संस्थागत स्तर पर महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक समाधान सुझाना भी रहा।
