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पत्रकारों सहित कांग्रेसियों ने भी नगरपालिका शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार

बलौदाबाजार से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

मान-सम्मान में हुई चूक को सीएमओ, अध्यक्ष ने एक दूसरे पर डाला

बलौदाबाजार के नगरपालिका परिषद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कई पत्रकारों को आमंत्रण तक नहीं भेजा गया वहीं जब कार्यक्रम में पत्रकारगण पहुंचे तो पत्रकारों को फ्रंट लाईन में ना बिठाकर चौथी लाईन में व्यवस्था रखी गई थी जिसमें भी अध्यक्ष के पारिवारिक इष्ट मित्र बैठें हुए थे l पत्रकारों ने जब मान सम्मान में हुई चूक के बारे में जानना चाहा तो अध्यक्ष सीएमओ एक दूसरे के ऊपर खामियों का कारण डालने लगे, कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रथम दिन से तिरस्कार प्रारंभ होना प्रतीत होता है कि जो पत्रकार का मान सम्मान नहीं कर सकते वह आम जनता के प्रति कैसे खरे उतरेंगे अभी समझ से परे हैं फिलहाल पत्रकारों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर वहां से चले आए l वहीं दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस के मध्य टकराव के कारण दो अलग-अलग स्थानों पर शपथ समारोह आयोजित किया गया, कारण आमंत्रण पत्र बना टकराव की जड़, कांग्रेस ने लगाया प्रशासन पर भेदभाव का आरोप, भाजपा ने बताया बेबुनियाद, नगर पालिका चुनाव के बाद अध्यक्ष और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा और कांग्रेस के बीच गहराए मतभेद के कारण प्रशासन को दो अलग-अलग स्थानों पर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करना पड़ा। शनिवार को हुए इस समारोह में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। भाजपा पार्षदों और अध्यक्ष के लिए कार्यक्रम जिला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जहां प्रदेश के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा समेत अन्य नेतागण मौजूद रहे l नवनिर्वाचित अध्यक्ष के शपथ ग्रहण पर बवाल मचा रहा चूंकि कांग्रेस पार्षदों का शपथ ग्रहण नगर पालिका सभाकक्ष में हुआ, जहां पूर्व कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी सहित वरिष्ठ कांग्रेसजनो ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। लेकिन इस पूरे विवाद की जड़ एक ‘आमंत्रण पत्र’ बना, जिसमें कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल नहीं किए गए थे। इसे लेकर कांग्रेस ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। नगरपालिका के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रशासन ने जो आमंत्रण पत्र जारी किया, उसमें भाजपा नेताओं के नाम तो शामिल थे, लेकिन कांग्रेस नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे नाराज कांग्रेस ने न केवल जिला ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह का बहिष्कार किया, बल्कि कलेक्टर से अलग से शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की। प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला कांग्रेस के लिए अलग समारोह का आयोजन
कांग्रेस की आपत्ति को देखते हुए प्रशासन ने उनके लिए अलग से नगर पालिका सभाकक्ष में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया।

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