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बिजली की दर वृद्धि और अघोषित बिजली कटौती से जनता परेशान- भुनेश्वर सिंह डहरिया

राघवेंद्र सिंह बलौदाबाजार/दैनिक अमर स्तंम्भ

छत्तीसगढ के विभिन्न जिलों में 1 जुलाई 2025 से बिजली दर में वृद्धि और असमय हो रही अघोषित बिजली कटौती पर भुवनेश्वर डहरिया ने कहा है कि किसान जिनका खेती बोर के सहयोग से होता है वे किसान बिजली कटौती से परेशान हैं, बिजली दर-दर की वृद्धि से भी किसान और आम जनता पर हर माह अतिरिक्तभार पड़ेगा, विद्युत कंपनी को ऐसा नहीं करना चाहिए।उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली कटौती से जनता को तमाम तरह की परेशानियाँ झेलनी पड़ रही, बिजली के बिना कम वर्षा वाले क्षेत्र के किसानो को बोनी करने के लिए पानी की आपूर्ति में दिक्कत हो रहा है आमजनों तथा ग्रामीणों को सभी प्रकार के काम मे रुकावट आ रही, इस कमी से जो व्यक्तीगत परेशानियाँ झेलनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ बिजली सरप्लस राज्य है प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण,यही वजह है कि देश के 5 ऐसे प्रदेश जो बिजली देश भर के राज्य को बेचते हैं उसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है I आगे उन्होंने बताया है कि बिजली दर जो बढ़ा रहे हैं उसमें जो सबसे बड़ी बात है कि ट्रांसपोर्टिंग का रेट जो है यह 780 रुपए दे रहे हैं गुजरात की कंपनी अदानी को, जबकि उसी काम को गुजरात की कंपनी 350 रूपये में दूसरे ट्रांसपोर्टेरों को देती है। मतलब सरकार ने जानबूझकर ज्यादा रेट में काम दिया हुआ है। सरकार को अपने खर्चो में कटौती करनी चाहिए, आपने 4 कंपनी बनाई है जिसमें हर कंपनी में अधिकारी और कर्मचारी हैं, अगर 1 कंपनी होती तो अतिरिक्त 3 कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारी के वेतन और खर्चो की बचत होती। आप विद्युत कंपनियों के खर्चे कम नहीं कर रहे जिसकी भरपाई छत्तीसगढ़ की जनता से बिजली दर में बढाकर की जा रही है। बिल में हर माह ऊर्जा प्रभार के साथ अनेक गैरजरुरी चार्ज लिए जातें हैं। विगत कुछ माह पूर्व ही सरकार ने कमर्शियल का रेट बढ़ाया था जिसे व्यापारियों ने अपने सामान का रेट बढ़ाकार जनता से ही वसूला जा रहा है।विद्युत कंपनिया छत्तीसगढ़ की जनता की जेब काटने का काम कर रहे हैं और अपने खास को निजी फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहये, अभी हाल ही मैं 1000 मेगावाट की बिजली का अनुबंध MoU छत्तीसगढ़ प्रदेश ने तेलंगाना से भी किया है I फिर भी, नियामक आयोग द्वारा “घाटे” का हवाला देकर दरों में वृद्धि करना तर्कसंगत नहीं प्रतीत होता , बल्कि भ्रष्टाचार का अंदेशा भी प्रतीत होता है । जिस प्रदेश के नागरिकों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए उस प्रदेश के नागरिकों को अब सबसे महंगी बिजली मिलनी जा रही I आम आदमी पार्टी के पदाधिकारीयों ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार को बिजली दर वृद्धि के फैसले को वापस लेना चाहिए और प्रदेश के उपभोक्ताओ को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाये, यही छत्तीसगढ के विकास का सार्थक मूल है यदि सरकार बढ़ी हुई बिजली दर को वापिस नहीं लेती है और अगर असमय बिजली कटौती करती है तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए सड़क की लड़ाई लड़ेगी।मुख्य रूप से उपस्थित रहे जिला संगठन महामंत्री दिलीप फेकर सागर रात्रे नेमन दास विजय कुमार केजराम बंजारे अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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