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बोधगया मन्दिर अधिनियम-1949 और इसके प्रशासन के सन्दर्भ में अनुच्छेद-13, 25 और 26 के तहत न्याय की मांग

पप्पू यादव

कानपुर (अमर स्तम्भ)। भारतीय बौद्ध महासभा संगठन एवं कानपुर प्रभारी शाखा बुंदेलखंड डॉ जे आर बौद्ध के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय प्रधानमंत्री न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायालय राजपाल डॉ भीमराव यशवंत राव अंबेडकर को ज्ञापन सोपा गया! ज्ञापन दौरान कहां की बिहार सरकार आपके सक्षम नेतृत्व में सुरक्षित एवं समृद्ध हाथों में है बौद्ध धम्म से सम्बन्धित महत्वपूर्ण स्थलों यथा बोधगया, राजगीर, नालन्दा आदि के सौन्दर्याकरण, पटना में बुद्ध स्मृति पार्क बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र जैसे महत्वपूर्ण स्थलों के निर्माण जैसे कई विकास कार्यों के लिए बौद्ध जगत के साथ ही पूरा देश आपका आभारी है।बोधगया मन्दिर अधिनियम-1949 यह बिहार सरकार द्वारा पारित अधिनियम है, यह विधायिका का विषय है हम पूरी आशा ब्यक्त करते हैं कि आपके नेतृत्व में बिहार के मा० विधायक इस अधिनियम के सन्दर्भ में एक उचित एवं सौहार्दपूर्ण समाधान खोजेंगे, जिससे देश और विश्व भर के बौद्धों को न्याय प्राप्त हो सकेगा। राज्य मामलों में उत्कृष्ट प्रबन्धन द्वारा न्याय और समानता का प्रदर्शन किया है। हम आशा करते हैं कि बौद्ध समुदाय के प्रति भी ऐसा ही न्याय प्रदान किया जायेगा जैसाकि आप बुद्ध गया महाबिहार के प्रबन्धन के मामले में संवैद्यानिक अधिकारों (अनुच्छेद-25 और 26) का उल्लंघन मानते हैं, B.T. बोधगया मन्दिर अधिनियम 1949 पूरी तरह से संविधान के अनुच्छेद-13 के विरोधी है, इसलिए हम विनम्रता पूर्वक अनुरोध करते हैं कि आप इस मुद्दे पर ध्यान दें और बौद्धों को महाबोधि महाविहार के पूर्ण प्रबन्धन का अधिकार सौंप दीजिए।

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