महेश प्रताप सिंह
कानपुर (अमर स्तम्भ)। श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास, के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाँति इस बार भी भारतीय नव वर्ष पर कानपुर महानगर में विशाल गीता संदेश यात्रा का आयोजन किया गया। आज शुभारम्भ दिवस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर नव वर्ष गीता संदेश यात्रा एवं सांस्कृतिक संध्या महोत्सव का आयोजन किया गया। अनेक यात्राएँ श्री राधा कृष्ण मंदिर में 5 बजे से सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया।
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास, के अध्यक्ष डॉ. उमेश पालीवाल ने बताया कि संस्था समाज में पावन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता जी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही है। संस्था द्वारा गत चार वर्षों से कानपुर समेत अन्य ज़िलों में भी घरों में गीता ज्ञान यज्ञ, प्रदेशव्यापी गीता संदेश मानव श्रृंखला, गीता कर्मयोगी सम्मान, गीता जयंती वार्षिक स्मारिका, गीता मनीषियों द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा प्रति वर्ष भारतीय नववर्ष के दिन नववर्ष गीता संदेश यात्रा आदि कार्यक्रमों के माध्यम से जन आन्दोलन चलाया जा रहा है। अनेक स्थानों पर श्रीमद्भगवद्गीता सरस्वती ज्ञान मन्दिर गीता श्लोक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
संस्था के संरक्षक भवानी भीख जी ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति और विरासत को सम्भाल कर रखना है तथा उससे प्रेरणा लेनी है उन्होने कहा कि हमे गीता से जीवन जीने की कला सीखनी है और इस भारतीय नववर्ष महोत्सव में गीता आंदोलन को आगे बढ़ने वाले शहर के विशिष्ट जनों को सम्मानित किया गया ।
संस्था के महामंत्री परमानन्द शुक्ल ने बताया कि न्यास ने श्रीमद्भगवद्गीता को जन-जन पहुचाने के लिये प्रधान मंत्री व मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सौपेंगी जिसमें गीता को पाठ्यक्रम में सम्मलित करने की मॉंग की जायेगी। न्यास के प्रयासों से कई प्रमुख समाचार पत्रों समाज में नववर्ष जागरूकता के लिए काल गणना विषयक आलेख प्रकाशित किये जायेगें। न्यास के प्रयास से सैकड़ो विद्यालयों की प्रार्थना सभाओं में गीता श्लोकों को शामिल किया गया है तथा भविष्य में संस्था द्वारा विद्यालयों में नैतिक शिक्षा को भी पढ़ाने के लिये विभिन्न प्रयास किये जायेंगे। गीता के विद्वान श्री शिवेन्द्र नागर जी की उपस्थिति में न्यास के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों लोगों को गीता शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनायी गयी, यह प्रशिक्षण ऋषिकेश में होगा। न्यास ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी मन्दिरों, विद्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर गीता स्वाध्याय के लिए प्रेरित करने के स्थायी बोर्ड लगवाये जाएँगे, जिससे कि कानपुर महानगर में गीता स्वाध्याय का वातावरण बनाया जा सके। इस कार्यक्रम में भूपेश अवस्थी, डॉ. रोचना विश्नोई, राजीव महाना, प्रेम चन्द्र अग्निहोत्री, डॉ. यू. सी. सिन्हा, राजेन्द्र अवस्थी, कमल त्रिवेदी, डा. के.के. शुक्ला, अखिलेश शुक्ला, दिलीप राजपूत, हीरेन्द्र मुरझानी, सुरेन्द्र गेरा,दिलीप अवस्थी, दिलीप कुमार मिश्रा,शिवसागर मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।
मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार ही मनुष्य के विनाश का कारण बनता है, जिसने गीता का ज्ञान लिया उसका जीवन सरल हो जाता है।
सभी यात्राएँ श्री राधा कृष्ण मंदिर में पहुंची। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। मंच संचालन प्रतीक त्रिवेदी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से किया गया।कविता सिंह के सुन्दर भजनो ने आये अतिथियों को ताली बजाने पर मजबूर किया। सिद्धनाथ मंदिर के महामंडलेश्वर अरूण चेतन्य पुरी महराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज भारत देश में हिन्दू जाग गया है, संस्कृति व सभ्यता को जागृत करती है। ब्रह्मचारी कौशिक ने अपने सम्बोधन में कहा कि गीता व्यक्ति को मानव बनाती है, गीता को पढ़कर हम अपना नैतिक और चारित्रिक बल संगति कर रहे हैं। सचिन भगत, हरविंदर सिंह लार्ड, अशोक अगवानी, हरीश अजमानी,नीतू सिंह, राजीव सोनी को गीता रत्न सम्मान से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक नीलिमा कटियार, निवर्तमान विधायक रघुनंदन सिंह भदौरिया, रोचना विश्नोई,दीपू पांडे, परमानन्द शुक्ला, डाक्टर केके शुक्ला, बलराम नरूला, दिलीप राजपूत, राजेन्द्र अवस्थी, आदित्य पोद्दार आदि लोग मौजूद रहे।