पप्पू यादव
कानपुर (अमर स्तम्भ)। आज दिनांक 27 मार्च 2025 को महिला महाविद्यालय (परा०), किदवई नगर, कानपुर के प्रेक्षागार में शारीरिक शिक्षा विभाग के तत्वावधान में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया , जिसका शीर्षक था – “शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए योग: एक बहुविषयक दृष्टिकोण।” कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो० विनय कुमार पाठक, कुलपति, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर ,सम्मानित अतिथि कुमकुम स्वरूप ,संरक्षिका , दयानंद शिक्षण संस्थान, कानपुर ; महेश चंद्र त्रिवेदी, विधायक, किदवई नगर विधान सभा,कानपुर, इंजी० गौरवेंद्र स्वरूप , सचिव, प्रबंध समिति, महिला महाविद्यालय किदवई नगर , कानपुर, विशिष्ट अतिथि श्रीमती अनंता स्वरूप, सदस्य, प्रबंध समिति, महिला महाविद्यालय किदवई नगर ,कानपुर ; मुख्य वक्ता प्रो० लक्ष्मी नारायण जोशी, विभागाध्यक्ष, योग विज्ञान विभाग, डीन स्टूडेंट वेलफेयर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार; विशिष्ट वक्ता प्रो० हरेराम पांडे, योग विभाग, इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल विश्वविद्यालय ,लालपुर अमरकंटक, मध्य प्रदेश ; संगोष्ठी संयोजिका प्रो० अंजू चौधरी प्राचार्या,महिला महाविद्यालय, किदवई नगर कानपुर तथा प्रो० दीपाली निगम, आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्षा, शारीरिक शिक्षा विभाग के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से किया गया। तत्पश्चात प्राचार्या प्रो० अंजू चौधरी जी ने अपने स्वागत वक्तव्य में सम्मानित अतिथियों, वक्ता, विद्वानों ,विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि योग की महत्ता को आज संपूर्ण विश्व ने एक स्वर से स्वीकार किया है तथा मनो- शारीरिक स्वास्थ्य एवं कार्य क्षमता की दृष्टि से इसे दैनिक जीवन का अपरिहार्य अंग माना है। इसी क्रम में आयोजन सचिव प्रो० दीपाली निगम ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि योग शरीर, मन तथा आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। आसन व प्राणायाम शरीर को मजबूत एवं लचीला बनाते हैं तथा जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संगोष्ठी के विषय को अत्यन्त प्रासंगिक बताते हुए कहा कि योग के बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती,योग हमें निरोगी रहने में मदद करता है। सम्मानित अतिथि महेश चंद्र त्रिवेदी ने भी योग को मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु बधाई दी तथा समय समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर बल दिया। इंजी० गौरवेन्द्र स्वरूप ने चयनित विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि व्यस्तता के इस दौर में योग विद्यार्थियों में संयम एवं धैर्य जैसे गुणों का विकास करेगा। मुख्य वक्ता प्रो. लक्ष्मी नारायण जोशी ने संगोष्ठी के सम्पूर्ण विषय पर बारीकी से प्रकाश डाला और नाड़ी विज्ञान जैसी विधा को प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने स्पॉन्डिलाइटिस, सियाटिका जैसी नाड़ी से संबंधित बीमारियों के बारे में भी विस्तृत चर्चा की। तत्पश्चात विशिष्ट वक्ता प्रो. हरेराम पांडेय ने कहा कि योग तथा प्राणायाम के माध्यम से शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास स्वाभाविक रूप से किया जा सकता है। उद्घाटन सत्र का प्रभाव पूर्ण संचालन प्रो. ज्योति किरण के द्वारा किया गया तथा अंत में आये हुए समस्त मंचासीन अतिथियों, प्रतिनिधियों एवं विद्यार्थियों का प्रो. प्रतिभा श्रीवास्तव जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।उद्घाटन सत्र के उपरांत सेमिनार के तकनीकी सत्र का शुभारंभ प्रो. प्रशान्त कुमार राय, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, मलतारी, आजमगढ़ ने स्वास्थ्य के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन शैली की दृष्टि से योग को अपनाते हुए तनाव को कम करके समस्त स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने योग के वैज्ञानिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला। तकनीकी सत्र की विशिष्ट वक्ता प्रो. प्रीति पांडेय, विभागाध्यक्षा, शारीरिक शिक्षा विभाग, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, कानपुर ने महिलाओं की स्वस्थता के लिए योग विषय पर व्याख्यान दिया और कहा कि आज युवाओं, महिलाओं तथा अन्य सभी को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए क्योंकि बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा तथा चुनौती से भरी हुई जिंदगी में योग सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने में सहायक है। रिसोर्स पर्सन प्रो. संतोष कुमार गौड़, शारीरिक शिक्षा विभाग, जे. एन. एम. पी. जी. कॉलेज, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश तथा प्रो.आलोक कुमार पांडेय ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की जिसमें ऑनलाइन तथा ऑफलाइन लगभग 30 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनका संश्लेषणात्मक विवेचन करते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्तुत शोध प्रपत्र विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों का योग के क्षेत्र में मार्गदर्शन करेंगे।
तत्पश्चात समापन सत्र का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, प्रति कुलपति, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर; विशिष्ट अतिथि प्रो. मुरलीधर राम, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर ने सेमिनार से जुड़े समस्त प्रतिनिधियों से शिक्षा एवं योग के वैज्ञानिक पक्ष को मजबूत करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. राजेश द्विवेदी, निदेशक, कॉलेज विकास परिषद, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर ने महाविद्यालय को ऐसे ही महत्वपूर्ण विषयों पर संगोष्ठी आयोजित करने और शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया तथा सेमिनार के सफल आयोजन पर बधाई दी। इसके उपरांत प्रो. ममता दीक्षित, शिक्षाशास्त्र विभाग, महिला महाविद्यालय पी. जी.कॉलेज, कानपुर ने संगोष्ठी की प्रभाव पूर्ण आख्या प्रस्तुत की।समापन सत्र का सफल संचालन डॉ. अनामिका वर्मा के द्वारा किया गया तथा धन्य वाद ज्ञापन प्रो. दीपाली निगम के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ताओं सहित समस्त प्रवक्ताओं ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।