
कोरबा जिले में कार्यरत मजदूरों को दिए जाने वाले वेतन भुगतान में धांधली की खबर समय-समय पर सामने आती रहती है जिसमें मजदूरों को दिए जाने वाले भुगतान में ठेकेदारों के द्वारा कटौती कर दिया जाता है इसी अनियमित को प्रदर्शित के साथ करने के लिए मजदूरों को सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान करने का नियम बनाया गया है और इसके कड़े पालन को लेकर निर्देश भी जारी किए गए हैं।
लेकिन कोरबा जिले के श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र में मजदूरों को दिए जाने वाले वेतन में कटौती की बात सामने आ रही है जानकारी की माने तो इसे लेकर लिखित में शिकायत भी किया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता व पत्रकार जितेंद्र साहू के द्वारा इस संदर्भ अनियमितता की आशंका व्यक्त करते हुए शिकायत किया गया है।
शिकायत में उल्लेख किया गया है यूरेका इंटरप्राइजेज के द्वारा उनके कर्मचारियों को भुगतान उनके बैंक के खातों के द्वारा नहीं किया जाता और ना ही उनका PF और ESIC भरा जा रहा है। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि यूरेका इंटरप्राइजेज में कार्यरत मजदूरों का पीएफ और ईएसआईसी का लाभ मजदूरों के साथ साथ अपने परिवार के लोगों को दिया जा रहा है या यूं कहें मजदूर कोई और और उसके पीएफ और ईएसआईसी का लाभ उनके परिवार के निजी लोगों को देते हुए उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है।
उनके द्वारा बैंक का फर्जी सील तैयार कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप संयंत्र में प्रस्तुत किया जाता है जो फर्जी है शिकायतकर्ता का कहना है कि इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि मजदूरों के साथ होने वाले आर्थिक क्षति को रोका जा सके।
आपको बता दें कर्मचारियों के भविष्य निधि को दृष्टिगत रखते हुए पीएफ और कर्मचारियों के राज्य बीमा निगम ईएसआईसी भारत में कर्मचारियों के स्वास्थ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो अलग-अलग पहलू को निर्धारित किया गया है जहां पीएफ कर्मचारियों के सेवानिवृत्त के बाद एक तरह का बचत फंड है और वही ईएसआईसी कर्मचारियों को मिलने वाले स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा के लाभ को सुनिश्चित करता है।
जानकारों की माने तो यदि इस तरह का कृत्य यूरेका इंटरप्राइजेज के द्वारा किया गया है तो यह गंभीर अपराध है जो 420 की श्रेणी में आता है इस तरह के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि शासकीय नियम और निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को कानूनी कार्रवाई का भय बना रहे। प्रबंधन को भी चाहिए इस तरह की शिकायत के हर बिंदुओं की जांच उपरांत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए संबंधित पुलिस को अग्रिम कार्रवाई के लिए सूचना दें।
कोरबा जिला उद्योगों से भरा हुआ है ऐसे में मजदूरों के साथ यदि इस तरह का अन्याय हो रहा है जो गलत है इस तरह के मामलों पर तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है। ताकि मजदूरों के साथ होने वाले अन्याय को रोकने के साथ-साथ ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
Post Views: 71