
खाद्य निरिक्षण ने अपने जांच 192 क्विंटल चावल की गड़बड़ी की पुष्टि
शक्कर का अधिक मूल्य मे बेचे जाने की भी शिकायत आयी सामने
राघवेंद्र सिंह
बलौदाबाजार/दैनिक अमर स्तंम्भ
सिमगा विकासखंड के ग्राम पंचायत रानी जरौद में उचित मूल्य दुकान के संचालन में भारी अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। पूर्व सरपंच सेवक राम साहू और सेल्समैन राकेश कुमार साहू द्वारा संचालित दुकान में मार्च और अप्रैल माह का राशन बड़ी संख्या में ग्रामीणों को वितरित नहीं किया गया।फूड इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट के अनुसार मार्च माह में 105 और अप्रैल माह में 617 राशन कार्डधारियों को चावल नहीं दिया गया। शिकायत करने पर सचिव तेजराम वर्मा ने ग्रामीणों को स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैं कुछ नहीं करूँगा, जो करना है कर लो।” ग्रामीणों की शिकायतों को लगातार अनसुना किया जा रहा है।ग्रामीण रामचंद्र(पंच), रामकिशुन ध्रुव(पंच), दाऊ राम(पंच), दयालु(पंच)गणेश राम साहू (पंच) एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो माह से उन्हें उचित मूल्य की दुकान से चावल नहीं मिला है। दुकालू ने कहा, “हमारा परिवार दो समय की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को भूखा सुलाना पड़ रहा है।”ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि उचित मूल्य की दुकान में हर महीने 28 तारीख को ही देर रात 10 बजे तक वितरण किया जाता है, जिससे बुजुर्ग, महिलाएं और दूर-दराज के लोग राशन नहीं ले पाते।फूड इंस्पेक्टर द्वारा एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का वादा किया गया था, परंतु एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के जनदर्शन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। बावजूद इसके अब तक जिम्मेदार अधिकारियों या दुकान संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि भूखमरी जैसी स्थिति से निजात मिल सके।रानी जरौद में शक्कर महंगी बेचने का मामला, ग्रामीणों ने की शिकायत रानी जरौद गांव में उचित मूल्य की दुकान के सेल्समेन द्वारा शक्कर को निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बेचे जाने की शिकायत ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों का आरोप है कि सेल्समेन शक्कर के सरकारी रेट की अनदेखी कर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि वसूल रहा है।ग्रामीणों ने इस संबंध में संबंधित विभाग और स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पहले भी इस तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।सूत्रों के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद अधिकारियों ने मामले की प्रारंभिक जांच की है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषी सेल्समेन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि सभी उचित मूल्य की दुकानों पर नियमित निगरानी की जाएगी ताकि भविष्य में उपभोक्ताओं का शोषण न हो।
गुलशन अनंत खाद्य निरीक्षक सिमगा ने कहा कि ग्रामीणों के लिखित शिकायत आरोप के आधार कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम की गयी है जिसमे जांच मे करीब 192 क्विंटल चावल की गड़बड़ी की पुष्टि हुई है यह कार्यवाही आवश्यक वस्तु अधिनियम 2016 एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिनियम 1955 के अधीन वसूली की कार्यवाही के लिये किया गया है यदि अधिनियम के तहत वसूली नहीं होने की दशा मे दंडात्मक कार्यवाही की भी प्रावधान है मेरे द्वारा जांच प्रतिवेदन मे दंडात्मक कार्यवाही के लिये लिख दिया गया है बाकि उच्चधिकारी जो भी निर्णय लेते है उन्ही के आधार पर आगे की कार्यवाही होंगी।