महेश प्रताप सिंह (सम्पादक)
कानपुर (अमर स्तम्भ)। विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के 45वां वार्षिक महाधिवेशन का आयोजन गांधी प्रेक्षा गृह, कैसरबाग में संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि कमलेश बहादुर सिंह, निदेशक (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) ने अध्यक्ष पीसीएल के प्रतिनिधि के रूप में किया। उन्होंने अध्यक्ष पीसीएल और प्रबंध निदेशक पीसीएल के दोनों का प्रतिनिधित्व किया और उन्होने दीप प्रज्वलित किया। साथ में नवीन गौतम कार्यकारी अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी बब्बू नवीन गौतम कार्यकारी अध्यक्ष मोहन जी श्रीवास्तव कार्यवाहक अध्यक्ष गोपाल गौतम मुख्य महामंत्री, मनोज सिंह कार्यवाहक अध्यक्ष, मोहन जी श्रीवास्तव आदि ने सहयोग किया। सम्मेलन में ए0के0 माथुर, कन्हैयालाल, फूलचंद वर्मा और प्रदेश से आए हुए सभी अंचलों के महामंत्री अध्यक्ष और आम सदस्य उपस्थित रहे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए निदेशक कार्मिक प्रबंधन इंजीनियर कमलेश बहादुर सिंह ने कहा की विद्युत कर्मचारियों के हित के लिए विभाग हमेशा खड़ा है यह अपना परिवार है और जहां-जहां भी समस्याएं हैं जो आपने मांग पत्र में दी है उसे पर हम पूरे गंभीरता से विचार करके समाधान करने का प्रयास करेंगे फिलहाल हमारी कोशिश रंग लाई है कि कर्मचारी जब सेवा नियुक्त हो तो उसके देय का भुगतान इस समय यथा स्थिति किया जाए और यह कार्य हो रहा है। निजीकरण के मुद्दे में उन्होंने कहा कि निजीकरण अभी कुछ नहीं होने जा रहा उसमें ना तो कर्मचारियों को निकालने की बात है ना उनके दिए जारी सुविधाओं में कमी की बात है यह सब एक अफवाह है और कर्मचारियों को उन्होंने अस्वस्थ किया कि विभाग ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे कर्मचारियों के सम्मान उनके आर्थिक हितों या उनके भविष्य पर नुकसान पहुंचाने वाला हो उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंधन का लक्ष्य समय जहां-जहां घाटे की स्थिति है उन जिलों क्षेत्रो में सुधार लाना है और जहां आवश्यकता होगी वहां पर रेवेन्यू के साथ शत प्रतिशत उगाही के लिए जो भी करना होगा प्रबंधन वह करेगा उन्होंने कहा कि यह कर्मचारी हमारे विभाग की रीड है यही शान है यही जान है और कर्मचारियों के साथ मिलकर ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, तो कर्मचारियों को किसी भी तरीके के भ्रम में पढ़ने की आवश्यकता नहीं है उपस्थित जी0एम0 विनोद मिश्रा (एच0आर0) ने भी अपने उद्बोधन में आश्वस्त किया कि मैं भी इसी परिवार का हूं तो यह बात तो दिमाग से निकाल दीजिए कि प्रबंधन में बैठे हम लोग विभाग का या कर्मचारी का कोई अहित करने देंगे हां कुछ तकनीकी मामले हैं उस पर भी हम लोग सरकार प्रबंधन को अपनी तरफ से जो भी उचित होगा वह बताने का काम करेंगे सभा को चंद्र प्रकाश अवस्थी ‘बब्बू’ केंद्रीय अध्यक्ष ने भी संबोधित किया और उन्होंने साफ-साफ कहा कि अगर निजीकरण की प्रक्रिया के सोच पर अंकुश नहीं लगाया गया तो मोर्चा संगठन अंतिम तक दम तक पूर जोर से कोई भी कुर्बानी देनी पड़े इसके खिलाफ खड़ा रहेगा उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याएं जिनको प्रबंधन को प्राथमिकता पर लेना था उनको ना लेकर के और निजीकरण की बात कर रहा है जो उचित नहीं है उन्होंने कहा कि 6600 पे स्केल देने में कोई दिक्कत नहीं है आखिर इसको प्रबंधन रोक के क्यों रखे हैं और इसी में उन्होंने कहा कि कर्मचारी का अहित मोर्चा संगठन नहीं होने देगा और जो भी लोग इसके रास्ते में आएंगे उनके साथ भी जो संभव होगा उसका भी इलाज किया जाएगा।
संगठन अध्यक्ष ने अपने आगामी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए पहले चरण की बात की उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हर जगह प्रदर्शन किया जाएगा और कोशिश की जाएगी की सरकार तक उनकी कर्मचारियों की समस्याओं को प्रबंधन द्वारा लटकाए रहने के बारे में आवाज पहुंचेगी सभा को संबोधित करते हुए मुख्य महामंत्री गोपाल कृष्णा गौतम ने बताया उन्होंने मांग पत्र प्रस्तुत किया और प्रमुख रूप से मांग पत्र की आवेदन की मांग को उठाया कि कर्मचारी साथ-साथ 800 किलोमीटर दूर अपने घरों से भेज दिए गए हैं जिसमें बच्चियां भी हैं उनको बहुत कष्ट का जीवन गुजारना पड़ रहा है नवीन गौतम कार्यकारी अध्यक्ष मोहन जी श्रीवास्तव कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा की बहुत ही शीघ्र एक विस्तृत आंदोलन की रूपरेखा मोर्चा संगठन बनाएगा जैसे पहले वह किताब दियारा से जंतर मंतर तक सड़क मार्ग से समस्याओं के समाधान के लिए परिवर्तन रथ यात्रा निकाली थी ऐसा ही एक बड़ा कार्यक्रम बनाया जाएगा जिससे सरकार और प्रबंधन को कुछ तो समझ में आए कि कर्मचारियों में कितना आक्रोश है सभा को सच्चिदानंद शुक्ला, आई एम अंसारी, एडवोकेट अनुपम अग्निहोत्री अंकित, ‘विधिक सलाहकार’ पंकज श्रीवास्तव, मो0 इकबाल, वीरेंद्र सिंह, दयानंद प्रसाद ने संबोधित किया। सभा का संचालन मोहम्मद अरशद क्रांति महामंत्री ने किया आज महासभा ने चुनाव की बात पर कार्यकारिणी के चुनाव की बात पर खड़े होकर कहां एकमत से कि अभी कर्मचारी हितों के लिए बहुत बड़े-बड़े आंदोलन संघर्ष करने हैं।
