मनेन्द्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिले के संयुक्त तत्वावधान में रानी दुर्गावती स्मृति गोंडवाना भवन डोमनापारा मनेंन्द्रगढ में संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर जयंती बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महासंघ द्वारा विशालकाय रैली जुलूस निकालकर नगर भ्रमण कर किया गया।कार्यक्रम के द्वितीय चरण में आमंत्रित अतिथियों द्वारा डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए अजा अजजा अन्य पिछड़ा वर्ग के संयोजक एवं अधिवक्ता रमेश सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर साहब की यह 134 वीं जयंती है जिसे आज हम सब बड़े आदर और श्रद्धा भाव से मना रहे हैं। डॉ. अंबेडकर अस्पृश्य समाज में पैदा होकर भी अपनी विलक्षण प्रतिभा के कारण ही उन्हें संविधान निर्मात्री समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
देश विदेश से उन्होंने दो दर्जन से अधिक डिग्री डिप्लोमा हासिल की थी। उनकी ग्यान और प्रतिभा विलक्षण थी।समाज के सबसे पिछड़े समुदाय के प्रति उनके हृदय में विशेष लगाव रहा है। उनका सम्पूर्ण जीवन पिछड़े और दलित समाज के उत्थान के लिए ही समर्पित रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अन्य पिछड़ा वर्ग संघ के जिलाध्यक्ष रामनरेश सिंह ने डा अंबेडकर के राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान की चर्चा करते हुये उन्हें एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और दलित समाज का मसीहा बतलाया।
महासंघ के उपाध्यक्ष सुभाष यादव ने डॉ. अंबेडकर को महामानव बतलाकर कहा कि संविधान में शोषित पीडित दबे कुचले लोगों के लिए न्याय और समानता का अधिकार प्रदान करने वाला युगपुरुष बतलाया।उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्हें कि आज समाज के पिछड़े वर्ग के आर्थिक व सामाजिक स्थिति में जो बदलाव देखने को मिल रहा है,वह सब साहब के सद प्रयासों का ही प्रतिफल है।
सभा को रैदास कल्याण संघ संभाग सरगुजा के अध्यक्ष रामगोपाल रवि ने राष्ट्र के महान विचारक और चिंतक डा अंबेडकर के कल्याणकारी कार्यो की चर्चा कर उन्हें देश का सच्चा सपूत बतलाया।
महासंघ के उपाध्यक्ष अज्जू रवि ने सभा को संबोधित कर सर्वप्रथम अंबेडकर जयंती की सभी को बधाई शुभकामनाएं देकर कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की जयंती आज पूरा राष्ट्र मना रहा है। उनके विचारों व कार्यो को अपनाकर ही हम समाज व देश में क्रांतकारी परिवर्तन ला सकते हैं।
पूर्व जनपद अध्यक्ष डॉ. विनयशंकर सिंह ने इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुये कहा ,कि डॉ. अंबेडकर सही मायने में मानवतावाद के पुजारी धे। अस्पृश्यता, छुआछूत, उंच नीच और जात पात की संकीर्ण भावना से उपर उठकर ही हम देश और समाज को वाह्य एवं आंतरिक रुप से मजबूत बना सकते हैं। और यही संविधान निर्माता बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अजा अजजा और अ पि व महासंघ के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य शरण सिंह ने बाबा साहब अंबेडकर जयंती के अवसर पर उन्हें अपनी भावांजलि अर्पित करते हुये देश का महान सपूत बतलाया। उन्होंने अपने उदबोधन को आगे बढ़ाते हुये कहा कि वे अपने समकालीन समाज में इंसान इंसान के बीच अमानवीय भेदभाव को लेकर काफी दुखी थे। संविधान निर्माण के समय उन्होंने दलितों पिछड़ों और गरीबों को समानता का अधिकार देकर इस पीड़ा के निवारण का प्रयास किया है। इसके यह वर्ग व समाज उनका सदैव ऋणी रहेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जन जाति गौरव समाज सरगुजा एवं समाजसेवी परमेश्वर सिंह ने कहा कि आज जो पिछडे और दलित समाज में जो जन जागृति एवं खुशहाली दिखाई पड रही है.वह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की ही देन है। शिक्षा समानता न्याय और सम्मानजनक जीवन यापन सभी का मौलिक अधिकार होना चाहिए,, और इसकी संविधान में बाबा साहब ने पुरजोर वकालत की है। प्राचार्य हा से स्कूल चिरमिरी भागवत सिंह ने बाबा साहब को बीसवीं शताब्दी का महान सामाजिक क्रांतिकारी बतलाया। उन्होंने शोषित पीडित वर्ग के कल्याण में अपना सर्वस्व होम कर दिया था। उनके महान विचार और कार्य के लिए राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा।
कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रम्हा सिंह व आभार प्रदर्शन सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष व सर्व आदिवासी संघ के ब्लाक अध्यक्ष अमोल सिंह मरावी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में दलप्रताप, महेंद्र सिंह, भवन सिंह, गुरुप्रसाद चौधरी, कन्हैयालाल, जनकधारी, छत्रपाल रवि, आर पी सांडिल्य, रघुवर सिंह, सुखमन्ती मरकाम,कृष्णा सिंह,कौशिल्या सिंह, रागनी रजक, नभाग सिंह, फूलमती, रामप्रसाद, पार्वती, नर्मदा सिंह, अमर सिंह, जैना बेगम आदि सहित संगठन के सैकड़ों सदस्य एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
उपकार केसरवानी जिला प्रमुख कि रिपोर्ट
