भागवत दीवान
कोरबा (अमर स्तम्भ)-: हाथियों का खतरा फिलहाल तो टल गया है मगर खतरा अब भी बरकरार है। हाथी मांड नदी पार कर पड़ोसी जिला पंहुच चुके हैं। हाथियों को यहां खदेड़े जाने से जिला व पड़ोसी जिला के ग्रामीणों में तकरार बनी हुई है।
कटघोरा के बाद कोरबा वन मंडल में घूम रहा 25 हाथियों का झुंड मांड नदी पार कर धरमजयगढ़ की ओर चला गया है। इसके पहले हाथियों ने करतला रेंज के तराईमार में उत्पात मचाते हुए बाड़ी में घुसकर 11 किसानों के आम और काजू के पेड़ों को तहस-नहस कर दिया। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। 5 हाथियों का झुंड श्यांग में है जिनके लेमरू क्षेत्र में जाने की संभावना को देखते हुए गांवों में मुनादी कराई गई है।कुदमुरा और करतला रेंज आपस में जुड़े हुए हैं। इसकी सीमा धरमजयगढ़ वन मंडल से लगी हुई है। 22 हाथियों का झुंड कल्गामार होते हुए तराईमार पहुंच गया था। राधा तूने, अशोक कुमार, लक्ष्मण, विष्णु ,खेम सिंह समय 11 किसानों के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद मांड नदी पार कर धरमजयगढ़ वन मंडल में चले गए। लेकिन धरमजयगढ़ के ग्रामीण फिर उसे कोरबा की सीमा में खदेडऩे में जुट गए हैं। यही वजह है सीमा से लगे गांवों में हाथी को खदेड़े जाने को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है।