गरियाबंद,ज़िले के आदिवासी क्षेत्र के लोकप्रिय व जननेता के रूप में उभरे विधायक डमरूधर पुजारी के प्रस्तावक बनने की ख़बर जैसे ही क्षेत्र के जनता के बीच पहुँची इनके कार्यकर्ताओं व जिलेवसीयो में ख़ुशी का संचार हुआ, राष्ट्रपति चुनाव में प्रस्तावक बनाया जाना ही क्षेत्र के लोगों को गौरंवित किया, लोगों में काफ़ी हर्ष है . चार सेटों में दाखिल नामांकन पत्र में अलग अलग प्रसतावक के रूप में द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए PM मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, ललन सिंह, पशुपति पारस, रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद सहित डमरूधर पुजारी भी प्रस्तावक रहे । इस समन्ध में डमरूधर पुजारी से सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा की यह उनके लिए भी काफ़ी गर्व की बात है की उन्हें पार्टी ने इस लायक़ समझा और उनको दिल्ली तलब कर प्रस्तावक जैसे प्रमुख कार्य कर लिए चुना गया मै आजीवन इसके लिए पार्टी का ऋणी रहूँगा व पार्टी को हर स्तर पर कार्य करते हुए मज़बूती प्रदान करूँगा , उल्लेखनीय है कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला को देश की प्रथम नागरिक बनाने का मौक़ा मिला है । राष्ट्रपति चुनाव में कम से कम पचास निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का प्रस्तावकों या अनुमोदकों के रूप में समर्थन चाहिए होता है . जिसमें आदिवासी नेता के रूप जाने वा पहचाने जाने वाले विधायक डमरूधर पुजारी को प्रसतावक बना कर ज़बरदस्त आदिवासी कार्ड खेला है पार्टी के लिए छ्तीसगढ जैसे राज्य में राजनीतिक विषम प्रस्थितियों में भी अपनी सीट को सुरक्षित बचाने में सफल हुए थे जिस समय राज्य में भाजपा के दिग्गज नेताओ को हार का मुँह देखना पड़ा उस समय इन्होंने जीत हासिल की जिसका परिसाद है कि उन्हें भाजपा ने प्रस्तावक के रूप में चुना…