पप्पू यादव (ब्यूरो प्रमुख) यूपी
कानपुर (अमर स्तम्भ) / उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में प्राचीन मंदिर पर अवैध कब्जा करने व ध्वस्तीकरण का मामला सामने आया है। पीड़ितों द्वारा जब इस बात का विरोध किया गया तो कानपुर कमिश्नरेट की मिलीभगत से उनपर उल्टा मुकदमा करवा दिया गया। मामले का आरोप हाल ही में बार काउंसिल से डिबार किये गए एक अधिवक्ता और उसके परिजनों पर लगा है। जूही थाने में अधिवक्ता अमित शर्मा, हरि किशन शर्मा और मीना शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है पुलिस पूरे मामले की जाँच पड़ताल में जुट गई है।किदवईनगर निवासी बर्तन व्यापारी भानू प्रकाश बाजपेई ने बताया कि वो पिछले 35 वर्षो से बर्तन का कारोबार कर रहे है उनकी दुकान के सामने भव्य प्राचीन मन्दिर श्री ठाकुर महावीर का वर्ष 1982 से भूमि संख्या 93/ 237 पुराना, वर्तमान 832/12 जूही खुर्द शहर कानपुर नगर में स्थित है। मन्दिर स्थिति भूमि को आराजी संख्या 1083 दिनांक 24 जून 1932 को मथुरा प्रसाद वल्द जसवन्त प्रसाद कौम कायस्थ द्वारा खरीद कर श्री ठाकुर जी श्री महादेव जी एवं श्री महावीर को स्थापित किया था तथा मंदिरों के संचालन के लिए एक अग्रिम संरक्षण हेतु रजिस्टर्ड एक व्यवस्था पत्र दिनांक 17 सितंबर 1936 को बनाया गया था। जिसके आधार पर मथुरा प्रसाद ने भूमि मन्दिर भूमि के अतिरिक्त पर धर्मशाला, संत-निवास, कीर्तन स्थल आदि आदि भी निर्मित कराये थे। अन्य भूमि पर मन्दिर के संचालन हेतु मन्दिर की आय हमेशा बनी रहे इसलिए कमरे भी निर्मित कराये और उनसे प्राप्त आय से भविष्य में मन्दिर का संरक्षण, संवर्धन, निर्माण, जीर्णोद्धार किया जायेगा की व्यवस्था की व्यवस्था पत्र में मन्दिर भूमि की खरीद फरोख्त पर रोक थी। इसी बीच भू-माफियाओं की नजर मंदिर की बेसकीमती जमीन पर लग गयी है। हरिकृष्ण शर्मा व अमित शर्मा द्वारा साजिश रच कर मन्दिर की जमीन हड़पने के लिए मधुराप्रसाद की एक रिश्तेदार से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेकर अपने परिवार में ही मात्र 3 लाख में रजिस्ट्री करवा दिया गया।