
अवधेश सिंह मंडल प्रभारी बरेली
बरेली—- बरेली में PWD विभाग का चपरासी निरंजन एक फर्जी वसूली गिरोह का मास्टरमाइंड निकला। उसने चार महिलाओं के साथ मिलकर कई लोगों को झूठे रेप केस में फंसाया और उनसे ब्लैकमेल कर लाखों रुपये की अवैध वसूली की। मामले के खुलासे के बाद आरोपी चपरासी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
एसपी सिटी मानुष पारीक के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। पीड़ित सुधांशु अग्रवाल उर्फ गोलू, निवासी फतेहगंज पूर्वी, मोहल्ला नवासी ने शिकायत दर्ज कराई कि 8 जनवरी 2025 की झूठी घटना गढ़कर चंद्रकली नाम की महिला ने कोर्ट के जरिए 18 फरवरी को थाना किला में उनके खिलाफ बलात्कार की FIR दर्ज कराई। जांच में पता चला कि घटना के समय सुधांशु किसी और स्थान पर मौजूद थे। पुलिस ने केस को फर्जी मानते हुए FIR को एक्सपंज (Expunge) कर दिया।
इसी तरह, नन्ही देवी (निवासी: रामपुर नवदिया, शाहजहांपुर) ने एक अन्य व्यक्ति टीकाराम मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उसने स्वीकार किया कि वह रात बिताने चंद्रकली के घर जा रही थी। इससे साफ होता है कि ये महिलाएं एक ही गिरोह की सक्रिय सदस्य हैं। इसी तरह हीराकली नाम की महिला ने अख्तर हुसैन रिजवी के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पीड़ित सुधांशु का आरोप है कि इस पूरे गिरोह का संचालन PWD का चपरासी निरंजन कर रहा है। गैंग की महिला सदस्य हीराकली, नन्ही देवी, चंद्रकली और वैशाली झूठे रेप केस का सहारा लेकर टारगेट बनाए गए लोगों से ब्लैकमेलिंग करती थीं। पैसे नहीं देने पर कोर्ट के माध्यम से केस दर्ज करवा दिए जाते थे।
निरंजन की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त किया, तो उसमें महिलाओं के साथ बातचीत के कई ऑडियो क्लिप्स मिले, जिनमें वह पुरुषों को फंसाने और उनसे पैसे वसूलने की योजना बना रहा था। पुलिस इन ऑडियो को जांच का हिस्सा बना रही है।
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया
PWD का कर्मचारी निरंजन एक संगठित वसूली गैंग चला रहा था। वे लोग पहले किसी व्यक्ति को पहचानते थे, फिर उसे महिलाओं के जरिए झूठे रेप केस में फंसा देते थे। पैसे न देने पर कोर्ट के माध्यम से FIR दर्ज करा दी जाती थी। इस पूरे गिरोह के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।