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कानपुर रिंग रोड में किसानों को सही मुआवजा न मिलने पर किसानों ने अपनी जमीन देने से किया इंकार

महेश प्रताप सिंह

कानपुर (अमर स्तम्भ)। भाजपा सरकार में विकाशकार्यो का शिलशिला जारी है तो वही दूसरी तरफ बात करें किसानों की तो इस सरकार में किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है खबर कानपुर शहरी क्षेत्र के महाराजपुर विधानसभा का है जहां पर सरकार के द्वारा भारी वाहनों को शहर क्षेत्र के बाहर से जाने के लिए 100 किलो मीटर का रिंग रोड का निर्माण करा रही है जो छातीमरा, टिकरा, चकेरी आदि गावों के बगल से होते हुए आगे जा रही है जिससे शहर क्षेत्र में जाम से बचा जा सके। इस रिंग रोड पर लगभग 70 किसानों के खेत किसी का प्लाट रिंग रोड पर जा रहे हैं जिसमें चकेरी गांव के किसानों को 84 लाख रुपए बीघा, और छातिमरा , टिकरा के गांव के किसानों को 22 लाख रुपए बीघा सर्किल रेट दिया जा रहा है छत्तीमरा, और टिकरा गांव के किसानों का कहना है कि मेरे भी खेत का सर्किल रेट 84 लाख रुपए बीघा लगाया जाए। एस डी एम नरवल और चकेरी एसीपी सुमित राम टेके ने किसानों के साथ आज मीटिंग की जिसमें किसानों ने अपनी समस्या बताया। मीटिंग काफी देर तक चलती रही पर अभी तक समस्या का कोई हल नहीं निकला है एस डी एम नरवल का कहना है कि रिंग रोड 100 किलो मीटर का निर्माण कार्य है जिसमें सभी किसानों की फाइल भी जमा हो गई है और पैसा भी मिल गया है पर एक किलो मीटर पर छातीमरा और टिकरा गांव के किसानों का है वही किसानों ने मीडिया से बात चीत के दौरान बताया कि हम गरीब लोग है जो थोड़े बहुत खेत हैं वो भी सरकार लिए ले रही हैं हम लोग कहा से अपने बच्चों को पालेंगे। और रुपए दे रही है तो किसी को ज्यादा किसी को बहुत ही कम मीटिंग में उपस्थित किसानों ने एस डी एम नरवल से कहा कि अगर हम लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिला और यदि सरकार ने खेत लेने की कोशिश की तो वही पर आत्म हत्या कर लेंगे अब देखना यह है कि भाजपा सरकार इन किसानों के द्वारा मांगा गया मुआवजा मिलेगा भी या नहीं।

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