दुष्ट के साथ दुष्टता दिखाओ ,
तन पर अपने तलवार सजाओ ,
संघर्ष के परिणामों को सोच
अपने को अयोग्य मत बनाओ!
नारी हो नारीत्व को लाओ !
दुराचारियों से नाता तोड़ो ,
अत्याचारों को सहना छोड़ो ,
जो तुझको नष्ट करने पर तुला
उसे उसकी बिसात को दिखाओ!
नारी हो नारीत्व को लाओ !
तेरे अश्रू को देख न सकेगा ,
पर खुद के अश्क जरूर देखेगा ,
जो तुझको बेवजह ही सताता
उसे लानत का शिकार बनाओ!
नारी हो नारीत्व को लाओ !
ज्योति नव्या श्री
रामगढ़, झारखंड