रेफरेंडम, निजीकरण ठेकेदारी के खिलाफ लगभग 61 प्रतिशत, संघटन को मिली सहमति
परिवहन निगम के अस्तित्व बचाने के लिए 25 दिसंबर को चारबाग कार्यालय पर होगी प्रांतीय बैठक
आगामी बैठक में आंदोलन के समर्थन में अन्य संगठन करेंगे भागीदारी
तबरेज आलम, लखनऊ
लखनऊ (अमर स्तम्भ)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम लखनऊ क्षेत्र में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ द्वारा परिवहन निगम में निजीकरण ठेकेदारी प्रथा एवं पीपीपी मॉडल पर 90 वर्षों के लिए लीज पर दिए जाने के विरोध के अतिरिक्त नियमित कर्मचारियों को दे तिथि से वेतनमान का एरिया महंगाई भत्ता न दिए जाने जिससे कार्मिक के सेवा निर्मित होने तक 10 से 15 लाख रुपए का नुकसान होता है, साथ ही संविदा कर्मचारी के शोषण की इंतहा है और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम से अलग हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के संविदा चालक परिचालक 2010 में नियमित हो चुके हैं और अभी जो संविदा के चालक परिचालक हैं उनको ₹280 पैसा पर किलोमीटर मिल रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के संविदा चालक परिचालक आज भी ₹189 पैसा में काम कर रहे हैं साथ ही परिवहन निगम मुख्यालय की ऐसी कोई योजना नहीं है, जिससे कि आय बड़े और परिवहन निगम घाटे से बचे। ऐसी दशा में परिवहन निगम के मृतक आश्रितों और 2001 तक के संविदा चालक परिचालक नियमित कैसे होंगे साथ ही डग्गामार संचालन के कारण निगम की आय प्रभावित हो रही है। जिससे हमारे परिचालकों की रिकवरियां हो रही है।
परिवहन निगम अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है। इसके विरोध में संगठन द्वारा कठोर आंदोलन किया जाए पर कार्मिकों से राय मांगी गई थी। जिसमें आज लगभग 8,000 कार्मिकों ने सहमति दी है कि आंदोलन होना चाहिए। यदि हमारी मांगों पर शासन स्तर पर वार्ताकर समस्याओं का निदान नहीं किया जाता है। तो आगामी दिनांक 25 दिसम्बर 2024 को प्रांतीय बैठक एवं इस आंदोलन के सहभागी संघटनों के साथ बैठक कर कठोर आंदोलन किया जाएगा। जिसमें कार्य बहिष्कार भी शामिल है।
सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के प्रधान कार्यालय चारबाग बस स्टेशन लखनऊ में आयोजित बैठक एवं गणना करने के अधिकारी सुभाष चंद्र तिवारी एवं अविनाश चंद्र श्रीवास्तव जो कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिव बरन यादव द्वारा नामित किया गया था। उनके समक्ष वैलेट पत्रों की गिनती कराई गई। यह बताना आवश्यक है कि संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी डिपो, क्षेत्र में यह वैलिड पेपर भिजवाए गए थे। जिनकी कुल संख्या 15,000 हजार थी। उसमें से काउंटिंग में वैलिट बॉक्स से 7,283 मत मिले। अपरिहर कारणों से कुछ डिपो क्षेत्र से नहीं पहुंच पाए। इस प्रकार लगभग 9,000 कार्मिकों ने संगठन के आंदोलन किए जाने की सहमति दी। शासन स्तर पर मुख्यमंत्री स्तर पर हमारी समस्याओं और हमारी परेशानियों का समाधान नहीं किया जाता है। तो संगठन द्वारा आपकी भावनाओं को देखते हुए आगामी प्रांतीय बैठक में कठोर आंदोलन की घोषणा करेगा।
बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सम्मानित पदाधिकारी सुभाष चंद्र तिवारी एवं अविनाश चंद्र श्रीवास्तव के अलावा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास, प्रदेश महामंत्री जसवंत सिंह के अतिरिक्त सुनील कुमार कोषाध्यक्ष,नीरज चतुर्वेदी, चंद्र प्रताप सिंह, संतोष सिंह आदित्य प्रकाश,चंद्रशेखर शुक्ला भुवन तिवारी आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।