एटा से रवेन्द्र जादौन की खास खबर
*अमर शहीद प्रजापति रामचन्द्र विद्यार्थी संग्रहालय बचाने के लिए प्रदेश भर में निकाली जा रही है 30 दिवसीय शहीद सम्मान रथयात्रा पहुची शहीद पार्क*
एटा- देवरिया में स्थित अमर शहीद प्रजापति रामचन्द्र विद्यार्थी संग्रहालय में पर्यटन विभाग का कार्यालय बनाये जाने के विरोध में शहीद सम्मान रथयात्रा शुरू की गई जो बुधवा देर शाम जनपद एटा मुख्यालय पहुंची। जनपद आगमन पर यात्रा का जनपद के प्रजापति बन्धुओं ने जोरदार स्वागत किया।उसके बाद शहीदे आजम सरदार भगत सिंह स्मारक स्थल शहीद पार्क एकत्रित हुये। इस दौरान यात्रा के नेतृत्वकर्ता वांदा तिंदवारी के पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति द्वारा शहीद पार्क स्थित सरदार भगत सिंह एवं कचहरी रोड स्थित अम्बेडकर पार्क पहुंचकर समाज के बंधुओं की उपस्थिति में शहीदों का माल्यार्पण किया। इसके उपरान्त शहीद सम्मान रथयात्रा जनपद मुख्यालय पर रात्रि विश्राम करने के उपरान्त एटा से अवागढ़ पहुंची जहां प्रजापति समाज के लोगों ने रथयात्रा का स्वागत किया। इस सम्बंध में शहीद सम्मान रथयात्रा में शामिल रहे प्रजापति बन्धुओं ने बताया कि बांदा की तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति के नेतृत्व में शहीदों को सम्मान दिलाने के लिए 05 नवंबर को देवरिया से शहीद सम्मान रथ यात्रा की शुरूआत की गई है। जिसका समापन कार्यक्रम 05 दिसम्बर को देवरिया में किया जाएगा। यह सम्मान यात्रा नन्हा सरफरोश अमर शहीद प्रजापति रामचन्द्र विद्यार्थी संग्रहालय संरक्षक संघर्ष समिति के तत्वावधान में निकाली जा रही है। शहीद रथ यात्रा का उद्देश्य अमर शहीदों को देश मे यथोचित सम्मान दिलाना है। जिनका नाम और योगदान भारत सरकार धीरे धीरे इतिहास के पन्नों से गायब कर रही है। यात्रा के मुख्य नेतृत्वकर्ता पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने कहा कि ओबीसी व दलित समाज के अमर शहीदों को साजिश के तहत यथोचित सम्मान से बंचित किया जा रहा है। देवरिया में अमर शहीद रामचन्द्र विद्यार्थी के नाम पर स्थापित संग्रहालय में पर्यटन विभाग का दफ्तर बनाया जाना किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। यह अमर शहीदों का अपमान है। उन्होंने दो टूक एलानिया अंदाज में कहाँ कि जरूरत पड़ी तो पूरे देश में जनजागरण अभियान चलाकर भारत सरकार की साजिश से जनमानस को अवगत कराया जायेगा। यात्रा में शामिल प्रजापति क्रांतिकारी समर्थक युवाओं ने कहा कि पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति द्वारा 30 दिवसीय यात्रा के माध्यम से समाज के बंधुओं को प्रत्येक जनपद में जाकर अवगत कराया जा रहा है। शहीद के सम्मान में बनाए गए संग्राहलय में किए जा रहे सरकारी अतिक्रमण को रोकना है। इससे पहले बीते दिनों वृजेश प्रजापति द्वारा संग्रहालय प्रांगण में तीन दिन की भूख हड़ताल भी की गई थी जिससे प्रशासन बैकफुट पर आया और अतिक्रमण रोक दिया गया किन्तु राजकीय स्तर पर कोई लिखित आश्वासन नहीं दिए जाने के कारण यह यात्रा विरोध स्वरूप शुरू की गई है। इस यात्रा के भी बड़े गहन मायने हैं। सोता हुआ समाज, पिछड़ा हुआ समाज, अंधविश्वास में डूबा हुआ समाज, धार्मिक अंधता में जकड़ा हुआ समाज जाग्रत करना सबसे बड़ा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अमर बाल शहीद रामचन्द्र प्रजापति विद्यार्थी के बलिदान की कहानी लोमहर्षक है। पढ़ने-सुनने वाले के रोम रोम को झनझना देती है। एक तेरह वर्ष के मासूम से बालक रामचन्द्र प्रजापति द्वारा महा-वैरी को ललकार कर देश के लिए किए गए उच्चतम बलिदान की इससे प्रकृष्ट जीवनगाथा अन्यत्र नहीं मिलती। सन् 1942 के अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में शहीद हुए इस परमवीर बालक को जिस कहानी को इस देश के बच्चों के मन-मन में होना चाहिए उसे सरकार खुद उसके स्मरण स्थल पर अतिक्रमण करके दवा देना चाहती है, जो बेहद दुःखद है। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रजापति महासभा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र प्रजापति, सुरेन्द्र कुमार गोला, जितेन्द्र प्रजापति, रामदास गोला, गौरव प्रजापति, सौरभ प्रजापति, पवन प्रजापति, दिनेश प्रजापति, अवधेश कुमार प्रजापति, मनोज प्रजापति, लोकेन्द्र प्रजापति, भीष्म सिंह प्रजापति, शंकरपाल प्रजापति, सुधीन्द्र प्रजापति, प्रशांत कुमार जापानी, हरिओम प्रजापति, रवीन्द्र गोला, अतुल गोला, रवीश गोला, रजत प्रजापति, शैलेन्द्र प्रजापति, श्याम कुमार, पुष्पेन्द्र कुमार, शिवम कुमार, अरविंद कुमार, पारस कुमार, सुरेन्द्र कुमार प्रजापति आदि सैकड़़ांे की संख्या में प्रजापति समाज के संभ्रान्त नागरिक, जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद, व्यापारी आदि मौजूद रहे।