सी डी सी निर्देशक सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर के निर्देश पर हुआ कार्यक्रम।
पप्पू यादव (ब्यूरो प्रमुख) यूपी
कानपुर (अमर स्तम्भ)। महिला महाविद्यालय किदवई नगर कानपुर में सी डी सी निदेशक,सी एस जे एम विश्वविद्यालय कानपुर के निर्देशानुसार संस्कृत विभाग द्वारा “गीता जयंती” (मोक्षदा एकादशी) के पावन अवसर पर छात्राओं के सहयोग से विशाल मानव श्रृंखला व गीता श्लोक पाठ किया गया तथा “श्रीमद्भगवदगीता के महत्व ” पर संस्कृत में निबंध और चार्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम श्री कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से जीवन को उच्च बनाने हेतु छात्राओं द्वारा गीता का संदेश देती हुई मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया तथा उच्च स्वर में गीता के श्लोकों का वाचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर अंजू चौधरी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ग्रन्थ पर पुष्प अर्पित कर किया । छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्या जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि गीता समस्त विश्व के लिए आध्यात्मिक दीप स्तम्भ हैं, यह हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। गीता के उपदेशों का सार आत्मसात् करने से मन- मस्तिष्क शुद्ध होता है, साथ ही जीवन के कठिन रास्तों पर आनंदपूर्वक चलने का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
मुख्य अतिथि चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, प्रान्तमन्त्री संस्कृत भारती कानपुर प्रान्त ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गीता में श्रीकृष्ण के उपदेश, ज्ञान ,भक्ति और कर्म का सागर है। गीता में वह शक्ति है जो हारे हुए निराश व्यक्ति को पुनः संपूर्ण बल एवं आशा के साथ खड़ा कर सकती है।
संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो० अर्चना श्रीवास्तव ने गीता के माहात्म्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘गीता में संसार की समस्त शुभता निहित है । यह चरित्र निर्माण का एक उत्तम शास्त्र है। गीता सभी समस्याओं का समाधान कर सभी दुखों को हरने वाली कामधेनु जैसी है–
गीता सुगीता कर्त्तव्या किम अन्यै:शास्त्रविस्तरै:”
कार्यक्रम में डॉ पूजा श्रीवास्तव का सक्रिय योगदान रहा। पूजा श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि गीता हमें सहिष्णु और क्षमाशील बनाती है। प्रशान्ती, दिपाली, स्वेच्छा, नैना और रिया आदि छात्राओं का प्रमुख योगदान रहा।
कार्यक्रम में लगभग 80 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।
प्रो० ममता गंगवार, प्रो० प्रतिभा श्रीवास्तव, प्रो० नीता मिश्रा,प्रो० ममता दीक्षित, प्रो० मनीषा शुक्ला, प्रो० रश्मि चतुर्वेदी, प्रो० ज्योति किरण, डॉ दिपाली, डॉ निशी, डॉ सबा, डॉ० अनामिका वर्मा,डॉ० मीरा त्रिपाठी आदि समस्त प्रवक्ताओं ने अपना अमूल्य योगदान दिया। कार्यक्रम में श्रीमद्भगवदगीता वैदिक न्यास कानपुर दक्षिण के अध्यक्ष भूपेश अवस्थी एवं महासचिव राजेंद्र अवस्थी का सहयोग सराहनीय रहा।