ज्ञापन लेने मिलने से इंकार करना कलेक्टर को प ड़ा भारी आदिवासी हुए खिलाफ
पांच हजार से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्ट्रोरेट का घेराव कर लगाए कलेक्टर मुर्दाबाद व कलेक्टर हटाओ के नारे
संजय सिंह भदौरिया
सुकमा (अमर स्तम्भ)। आज सुकमा में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा 5 हजार से अधिक लोगों के साथ रैली कर कलेक्ट्रोरेट कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम एसडीएम सुकमा को कलेक्टर हो हटाने के साथ अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपा गया,ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि सुकमा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है । यहां के मूल पूर्णतः प्रकृति , पुरखा , पुनेम व रूढ़िजन्य परंपरा प्रथाओं के द्वारा नियंत्रण व संचालित होते है । अपने अधिकार की रक्षा करते हुए ज्वलंत समस्याओं को लेकर समाजिक पदाधिकारियों के द्वारा 11 मार्च को ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर विनीत नंदनवार से मिलने गए थे ,परन्तु कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया जिससे समाज के पदाधिकारियों ही नही बल्कि पूरा बस्तर मूल निवासी समाज अपमानित महसूस किया है , जिससे समाज नाराजगी है । सुकमा के साथ ही संपूर्ण बस्तर सर्व मूल निवासी समाज – कोया , गोंड , मुरिया , माड़िया , माहरा , धुरवा , भतरा , कलार , धाकड कुम्हार , लोहार , दोरला , हल्बा , राउत समाज द्वारा एक दिवसीय महारैली व कलेक्टर घेराव कर संवैधानिक व मूल अधिकारों को ध्यान में रखते हुए मूल समाज की मांग है कि । जिले में विभिन्न शासकीय नौकरी में बैकलॉग पदों एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर के आधार पर पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती में शत- प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाय ।
कलेक्टर विनीत नन्दनवार को हटाने की मांग
सर्वसमाज के दिए गए ज्ञापन में सबसे प्रमुख मांगों में से एक सुकमा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार को हटाने हेतु कहा गया है साथ ही यह आरोप लगाया कि 80 प्रतिशत आबादी सुकमा जिले में आदिवासियों की है व कलेक्टर आदिवासियों की ही नहीं सुनते है इसलिए सुकमा जिले में ऐसे कलेक्टर का क्या काम है इसलिए इन्हें तत्काल हटाया जाए ।
700 रु की दर से तेंदूपत्ता का भुगतान हो
तेंदुपत्ता संग्राहको को नगद भुगतान कर 100 गड्डी का 700 / – रूपये ( प्रति गड्डी 7 रु . ) किया जावे । आधा पत्ता खरीदकर बन्द न करें पूरा पत्ता खरीदी किया जाय । मनरेगा यो की लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल किया जाय । साथ ही नगद भुगतान किया जाय । आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाय ।जिले में जाति प्रमाण – पत्र की तरह मिसल , वंशावली रिकार्ड के आधार पर निवास प्रमाण – पत्र बनवाया जाय ।
जिले के नगर पंचायतों को पुनः पंचायत करने की मांग
सर्व समाज ने कहा कि सुकमा जिले में पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाये गये तीन नगर पंचायतों को सुकमा , दोरनापाल कोन्टा , को पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाय ।
ईसाई मिशनरियों पर सख्त कार्यवाही हो
जिले में ईसाई मिशनरियों के द्वारा आदिवासियों को बहला – फुसलाकर जबरन धर्मातरण कराए जा रहें । ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाही किया जाय ।
बेकसूर आदिवासियों को रिहा करने व एड्समेटा गोली कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
सुकमा जिला में हजारों बेकसुर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया उन्हें निष्पक्ष जांच कर रिहा किया जाय । 17 मई 2013 की एडसमेटा में रात को पुलिस की गोली से 8 ग्रामीणों की मौत हुई थी । तीन दफा न्यायिक जांच आयोग सरकार को दे चुके है रिपोर्ट को सर्वजानिक कर दोषियों पर कार्यवाही कर सजा देने की मांग तथा मारे गए बेकसूर आदिवासियों के परिवार को मुआवजा व नौकरी दिया जाय ।
बेरोजगारी भत्ता व शिक्षादूत के रूप में नियुक्त किया जाए
सरकार के शर्तों के अनुसार बेरोजगारों को बोरोजगारी भत्ता दिया जाय । जिले में शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए जिले के मूल निवासरत लोगों को शिक्षक पात्र / वैकल्पिक व्यवस्था शिक्षादूत के रूप में बेरोजगारों को भर्ती किया जाय ।
पेशा कानून लागू करने की मांग
जिले के मूल निवासियों का मिसल रिकार्ड के अनुसार शासकीय पदों पर भर्ती किया जाय ।वन अधिकार अधिनियम 2006 को पूर्ण रूप से लागू कर समुदायिक अधिकार दिया जाय । 5 वीं अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून अधिनियम 1996 लागू हैं । पेसा कानून के नियम अतिशीघ्र लागू किया जाय ।. जिले के पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति के बिना किये गये भूमि अधिग्रहण रद्द करें एवं बिना ग्रामसभा के सहमति के किसी प्रकार का कार्य न किया जाय ।
विदेशी दारू दुकान हटाने की मांग
सुकमा के सुपनार गांव से विदेशी मदिरा दुकान तत्काल हटाया जाये । वहां पर सुकमा के मूल आदिवासियों का देव स्थल है । जिले के अंदर परम्परा से निवासरत सर्व मूलनिवासियों का पुनःरिकार्ड बंदोबस्त कराकर सुधार किया जाय । पिछले कई वर्षो से गैर आदिवासियों के द्वारा जमीन खरीदी बिक्री पर धांदली किया जा रहा है । जिसे 170 ख के तहत् मूल मालिक को जमीन वापस किया जाय ।
उग्र भीड़ ने मेनगेट को धक्का दे कर पहुँचे कलेक्टर ऑफिस के गेट नजदीक
रैली के शक्ल में निकले ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट के पास पहुंचकर अचानक उग्र भीड़ का रूप ले लिया पुलिस के साथ हाथापाई पर भी उतारू हो चुकी भीड़ ने कलेक्ट्रेट के मेनगेट जहाँ पुलिस ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया परन्तु उग्र हो चुके ग्रामीणों ने धक्का मुक्की करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर घुस कर कलेक्टर कार्यालय के नजदीकी गेट तक पहुंच कर कलेक्टर मुर्दाबाद व कलेक्टर हटाओ के नारे लगाने लगे,
पुलिस की मौजूदगी ने टाला वर्ना हो सकती थी बड़ी घटना
एसपी सुनील शर्मा स्वयं अपने दलबल के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद रहे जिस प्रकार रैली ने उग्र भीड़ का रूप ले लिया था निश्चित तौर पर अगर पुलिस व्यवस्था नहीं होती तो आज सुकमा जिले में एक बड़ी बारदात हो सकती थीइससे पूर्व भी कलेक्टर पर लगा है आरोप
ऐसा नहीं है कि कलेक्टर साहब ने पहली बार किसी से मिलने से इनकार किया है या किसी का अपमान किया है ,कलेक्टर साहब के द्वारा मिलने आने वाले कई जनप्रतिनिधियों अथवा फरियादियों के द्वारा बताया गया कि उनसे मिलने जाओ तो कुर्सियां तो खाली पड़ी रहती हैं पर उनपर बैठने कभी नहीं बोलते क्योंकि ये उनका अपना स्टाइल है
सर्व समाज ने दिया 5 दिन का अल्टीमेटम
ज्ञापन सौंपने के साथ ही सर्वसमाज ने अपनी मांगों के सम्बंध में 5 दिन का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया है और कहा कि अगर 5 दिनों में मांगे नहीं मानी जाती हैं तो इससे भी उग्र आंदोलन होगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी