भागवत दीवान
कोरबा (अमर स्तम्भ): बांगो बांध के पानी से रबी की फसल लहलहा रही है। सिंचाई के लिए जरूरत अनुरूप पानी खेतों को दिया गया। लगातार सीजनभर पानी छोड़े जाने के कारण बांगो बांध का जलस्तर छ: सेमी. घट गया है। इसके बावजूद अब भी बांगो बांध में 54 फीसदी से अधिक पानी है। संयंत्रों को पर्याप्त पानी मिलता रहेगा।
हसदेव बांगो बांध में 4 साल से सबसे कम पानी का भराव है। रबी फसल और निस्तार के लिए लगातार दोनों नहरों में पानी छोडऩे से जलस्तर 6 मीटर कम हुआ है। रविवार को जलस्तर 350.31 मीटर और जलभराव 1488.53 मिलियन घनमीटर दर्ज किया गया जो कुल भराव का इन 54.43 प्रतिशत है। 4 दिन बाद नहरों के गेट बंद कर दिए जाएंगे। राहत इस बात की है कि जलस्तर घटने के बाद भी खरीफ फसल और 14 उद्योगों के लिए पानी की कमी नहीं होगी। बांगो बांध की क्षमता 359.66 मीटर है। जलभराव क्षमता 2681.68 मिलियन घन मीटर है। रबी फसल के लिए जनवरी से ही पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि इस बार मात्र 12 हजार हेक्टेयर में किसान फसल ले रहे हैं। फिर निस्तारी के लिए भी पानी छोड़ा गया। अब मात्रा धीरे-धीरे कम की जा रही है। अभी 2100 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग के मुताबिक गर्मी में वाष्पीकरण से भी पानी कम होता है। इस बार 1.43 मीटर की कमी आई है पिछले वर्ष 1.01 मीटर पानी कम हुआ था। अभी पूरा मई बाकी है। हालांकि अब सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाएगा। इससे जलस्तर गिरेगा।
अतिरिक्त बिजली का हो रहा उत्पादन
संयंत्रों पर बिजली उत्पादन का दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं बांगो हाइडल प्लांट से अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी हो रहा है। हाइडल पावर प्लांट की 3 यूनिट है। जिससे 120 मेगावॉट बिजली बनती है। अभी लगातार 18 घंटे पानी छोडऩे से 2 यूनिट को चलाया जा रहा है। इससे 82 मेगावॉट बिजली बन रही है। सिंचाई व उद्योगों को पानी देने हाइडल से ही छोड़ा जाता है।
तालाबों में भी भरा गया पानी
जनवरी से पानी छोडऩे से 400 से अधिक तालाबों में लबालब पानी है। जिले में बरपाली तहसील के उमरेली क्षेत्र में पानी की कमी नहीं होती। फतेगंज के पहाड़ी क्षेत्र से निकली सोन नदी गर्मी में सूख जाती थी पर अब सालभर लबालब रहती है।
अधिकारी बताते है कि जलस्तर में काफी कमी आई है। इसके बाद भी बारिश नहीं हुई तो खरीफ फसल के लिए पानी की कमी नहीं होगी। उद्योगों के लिए भी पानी पर्याप्त है।