गुरुचरण सिंह राजपूत
धरमजयगढ़ (अमर स्तम्भ)। धरमजयगढ़ वि.ख. अंतर्गत शा. प्रा. शाला लामीखार में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने और बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्म कालीन अवकाश में प्रभारी प्रधान पाठक निरंजन पटेल और बुँदसिंग पोर्ते द्वारा 15 दिवसीय समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस कैम्प में गाँव के सभी बच्चों के लिए विभिन्न रोचक गतिविधियां चिह्नित की गई है और इन गतिविधियों से बच्चों में छुपे प्रतिभा को बाहर लाने व खेल-खेल में गणित, भाषा और पर्यावरण के अनेक अवधारणाओ को सीखने में मदद करने के लिए यह कैम्प कारगर साबित हो रहा है। इस कैम्प में बच्चे काफी उत्साह के साथ उपस्थित हो रहें हैं। ग्राम लामीखार में लोगों की आजीविका वन आधारित है और अभी वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण का समय चल रहा है, जिसमे बच्चे भी अपना योगदान देते है, परंतु इन तमाम जिम्मेदारियों और चुनौतियों के बावजूद भी बच्चों का उत्साह तनिक भी कम नहीं हो रहा, बच्चे तेंदू पत्ता तोड़ने में अपने परिवार का सहयोग करने के बाद समर कैम्प में उपस्थित हो रहे हैं । उक्त कैम्प में बच्चों ने डॉट पेंटिंग से भाषा, गणित और पर्यावरण की अवधारणाओ को समझने का प्रयास कर रहे और तरह-तरह के खेलों, अभिनयों से स्वयं को व्यक्त करने का एक मंच प्राप्त किया । इन तमाम गतिविधियों का लेखा जोखा बच्चे स्वयं रख रहे और इसे प्रतिवेदन के तौर पर प्रत्येक दिवस की गतिविधियों के पूर्व साझा कर रहे है । यह महत्वाकांक्षी सीखना-सिखाना (समर कैम्प) जिला शिक्षा अधिकारी आर पी आदित्य, डीएमसी रमेश देवांगन, एडीएमसी भूपेन्द्र पटेल, भुनेश्वर पटेल, आलोक स्वर्णकार, बीईओ एस के सिदार, एबीईओ रवि सारथी, संकुल प्राचार्य टांडे सर, शैक्षिक समन्वयक भाकुलाल राठिया, शाला प्रबंधन समिति, पालक समुदाय, बच्चों और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से किशन और आशुतोष के सहयोग से सफलता पूर्वक संचालित हो रहा है।
क्या कहते हैं प्रभारी प्रधान पाठक निरंजन लाल पटेल
ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए सीखना सिखाना (समर कैंप) का आयोजन प्राथमिक शाला लामीखार संकुल बोजिया में किया जा रहा है जिसमें नवा जतन कार्यक्रम को आधार बनाते हुए रोचक गतिविधियों के माध्यम से प्रारंभिक भाषा और गणित पर आधारित लर्निंग आउटकम पर फोकस होकर बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु कार्य किया जा रहा है । प्रत्येक दिन की शुरुआत भाषा और गणित पर आधारित बालगीत व खेल के माध्यम से किया जाता है जिसके पश्चात् बच्चों द्वारा विगत दिन की सम्पूर्ण गतिविधियों पर अपनी दैनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर किया जाता है । बच्चे ड्राइंग, पेंटिग, चित्र पठन, कहानी निर्माण, आओ कविता बनाए, पहेलियां, पजल, ओरिगेमी, अखबर के खेल व भाषा और गणित पर आधारित विभिन्न कार्य पत्रक के द्वारा खेल व विभिन्न गतिविधियां से भाषा और गणित के कैशलों को प्राप्त कर रहे है । यह पंद्रह दिवसीय ग्रीष्म कालीन कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान प्रदान कर रहा है ।