कटघोरा वनमंडल में 23 हाथी हैं सक्रिय
भागवत दीवान
कोरबा (अमर स्तम्भ)-:दूसरे प्रदेशों से कोरबा जिले में आकर उत्पात मचाने वाले हाथियों से जुड़ी समस्या लंबे समय के बाद भी हल नहीं हो सकी है। कटघोरा वन मंडल में हाथियों की उपस्थिति के साथ लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है।
वन विभाग के द्वारा हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। कुछ वर्ष पहले तक साथियों से संबंधित समस्या वन मंडल कोरबा तक ही सीमित थी, लेकिन समय के साथ इसका दायरा कटघोरा वन मंडल तक हो गया है। अलग-अलग क्षेत्रों से यहां भी हाथियों की आमद हो रही है और वह आम लोगों के साथ-साथ किसानों की फसल और उनके मकानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसी घटनाओं से नुकसान का दायरा बढ़ रहा है। वन मंडल अधिकारी हेमलता यादव ने बताया कि अभी की स्थिति में कटघोरा वन मंडल में तीन समूह में 23 हाथी सक्रिय हैं। हाथियों की वजह से हर कहीं समस्या होती है और लोग भयभीत भी हैं। इसलिए हाथी मित्र दल और वन विभाग के स्टाफ को निगरानी के लिए सक्रिय किया गया। वन मंडल अधिकारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में हाथियों को लेकर नुकसान हुआ है, उनसे संबंधित मामलों में सर्वे के साथ रिपोर्ट तैयार करने और क्षतिपूर्ति का भुगतान करने पर काम किया जा रहा है। हाथियों के उत्पात को लेकर बात करें तो कोरबा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह की समस्या लगभग एक दशक से भी अधिक समय से बनी हुई है। इस अवधि में काफी लोगों की मौतें हुई हैं और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग ने जंगली जानवरों की वजह से होने वाली जनहानि पर पूर्व में दी जाने वाली क्षति पूर्ति की राशि 4 लाख को बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया है। दूसरी और हाथियों को कोरबा जिले की सीमा पर ही रोकने के लिए कई प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं बीते वर्षों में ऐसी योजनाओं पर बड़ी राशि खर्च की गई है लेकिन परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिल सके हैं।