*दिनांक–27-05-2022*
*दोहा*
*विषय–नारी शोषण*
##################
नारी शोषण जब हुआ,उठता हाहाकार।
नर भी शोषित हो रहे,क्यों है सब लाचार।।
नारी नारी पर सदा,करती ज़ुल्म हज़ार।
फिर भी नर बदनाम है,ये कैसा आधार।।
नारी शोषण रोकिये,नारी ले संज्ञान।
पुरषों की हिम्मत नहीं,जो कर दे व्यवधान।।
सास ननद मिलकर करे,घर में अत्याचार।
पुरुष विरोधी हो अगर,टूटे घर परिवार।।
दाँव पेच कानून के,अन्धे हैं लाचार।
नारी शोषण का भला,कैसे हो उपचार।।
नारी शोषण पर सभी,करते रहते बात।
किसने कब चाहा मगर, बदले ये हालात।।