मनोज सिंह जिला ब्यूरो
क्या ब्लड बैंक में सिंडीकेट बनाकर की जा रही भारी अनियमितताएं
समयावधि निकलने के बाद भी अब तक नहीं हो सकी शिकायतों की जांच
टीकमगढ़। इन दिनों एक बार फिर जिला अस्पताल का ब्लैड बैंक चर्चाओं में आ गया है। यहां की जा रही धांधली और अनियमिताओं को लेकर की गई शिकायतों को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कितनी गंभीरता से ले रहे हैं, इसका अंदाजा अनियमिताओं की जांच में की जा रही हीलाहवाली को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। अजगर गति से की जा रही जांच को लेकर भी अब सवाल उठाये जाने लगे हैं। देखा जाए तो जिला अस्पताल अनियमिताओं और गड़बडिय़ों का अड्डा हो चला है, जहां की कारगुजारियों को लेकर आये दिन खबरें प्रकाश में आने लगी हैं। प्रसव वार्ड हो या फिर यहां रोगियों को मिलने वाले भोजन का मामला हो या फिर रोगियों की सुरक्षा का सवाल हो। अस्पताल में असुविधाओं और भ्रष्टाचार ने रोगियों एवं आम लोगों में अटकलों का जन्म दिया है। अब देखना है कि ब्लैड बैंक के काले कारोबार पर पर्दा उठाने में यहां के अधिकारी किस कदर तत्परता दिखाते हैं। या फिर धांधलियों को ठंडे बस्ते में डालने में कामयाब होते है। यहां बता दें कि तत्कालीन प्रभारी मंत्री कमल पटैल के कार्यकाल में यहां हुई छापामारी के दौरान खून को ब्लैक करने का मामला सुर्खियों में आया था, जिसमें तथाकथित कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की गई थी। अब एक बार फिर यहां का ब्लैड बैंक चर्चाओं में है, जिसकी शिकायत पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। हालांकि इस संबन्ध में सागर संभाग के आला अधिकारी कहते हैं कि जांच तो चल रही है, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है कि यह जांच कब पूरी होगी। जबकि जांच अपनी समय सीमा को पार कर चुकी है। यहां बता दें कि जिला राजेन्द्र अस्पताल में रोगियों को मिलने वाले भोजन को लेकर जहां खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं, वहीं यहां महिला डाक्टरों की अनियमिताओं को लेकर भी समाचार पत्र भरे पड़े हैं। डाक्टरों द्वारा घरों पर रोगियों का इलाज करने और रोगियों से अच्छा खासा पैसा बसूलने के मामले भी चर्चाओं में बने रहते हैं। बताया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाऐं, सागर संभाग, सागर मध्य प्रदेश लिंक रोड नं 03 पत्रकार कॉलोनी के सामने, भोपाल क्रमांक-5377/2022 में टीकमगढ़ के ब्लड बैंक में की जा रही घोर अनियमिताओं की जांच के संबन्ध में कहा गया है। बताया गया है कि जिसकी प्रतिलिपि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला टीकमगढ़ को भी दी गई है, लेकिन वह भी इस सबन्ध में कुछ भी स्पष्ट कहने की स्थिति में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि अधिकारियों को भेजे गये पत्र में शासकीय जिला चिकित्सालय अनियमितताओं की जांच कराने बाबत कहा गया है। विषयांतर्गत शिकायतकर्ता एनके मिश्रा द्वारा केन्द्रीय मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नई दिल्ली, संचालक राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली, अध्यक्ष राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद नई दिल्ली एवं मिशन संचालक एनएचएम को संबोधित शिकायती आवेदन मिशन संचालक के माध्यम से कार्यवाही हेतु प्राप्त हुआ है। इसमें अधिकारियों से अवलोकन कर जांच के लिये कहा गया है। कहा तो यह भी कहा गया है कि दस्तावेजों की छायाप्रति संलग्न है, लेकिन वह संवाददाता को नहीं मिल सकी है। कहा गया है कि प्राप्त पत्रानुसार शासकीय जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में पदस्थ डॉ धीरेन्द्र यादव, डॉ विकास जैन, लेब टेक्निशियन आशीष आग्नेय, मकबूल खान, आलोक नगरया द्वारा ब्लड बैंक में सिंडीकेट बनाकर भारी अनियमितताएं की जाकर आर्थिक लाभ पाने तथा मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ एवं बिन्दुओं का लेख किया गया है । प्रकरण में जांच कर पत्र प्राप्ति के 15 दिवस में आपके स्पष्ट अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन भेजने का कष्ट करें। यह निर्देश दिनेश चन्द्र सिंघी उप संचालक, शिकायत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र द्वारा दिये गये हैं। यहां बता दें कि 15 दिवस की समय अवधि निकल चुकी है। इसके बाद भी न तो इस पत्र के बारे में कोई स्पष्ट रूप से कहने को तैयार है और न ही इस मामले में किसी प्रकार की जांच होने का पता चल सका है। सूत्रों की मानें तो ब्लैड बैंक में अब तक हुई कालाबाजारी और धांधली का मामला जांच के बाद ही उजागर हो सकेगा। इस मामले में आखिर सच्चाई कहां तक है, यह तो जांच के बाद ही उजागर हो सकेगा। लेकिन यह भी नहीं कहा जा सकता कि इस मामले की जांच भी होगी या नहीं…। इस संबन्ध में सीएमएचओ डां माहौर ने भी मामला दिखवाने और पता करने का बोला है। वहीं संभाग स्तर के अधिकारी इस सारे मामले की जांच करने में लगे हैं।