(मौके पर अस्पताल संचालक मुन्ना भाई उर्फ अंकित चौहान पतली गली से फरार)
डी के सिंह संवाददाता
कानपुर (दैनिक अमर स्तम्भ) / आपको बता दें कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम बृजेश पाठक अवैध रुप से चल रहें अस्पताल क्लीनिक के ऊपर सख्त है।साथ ही स्वास्थ्य को लगातार अवैध रूप से क्लीनिक व अस्पताल चलाने वालो के खिलाफ़ कार्रवाई करने के निर्देश भी दे रहे हैं। इसी क्रम को देखते हुए मेहरबान सिंह पुरवा के अंतर्गत आने वाला पीपौरी गांव जहा पर जी.एस पॉलीक्लिनिक के नाम बोर्ड लगाकर अवैध रूप से पाली क्लीनिक में अवैध मेडिकल स्टोर की आंड में बेड डालकर किराए की बिल्डिंग में अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। जिसका ना ही स्वास्थ्य विभाग का रजिस्ट्रेशन थ, न किसी प्रकार की हॉस्पिटल चलाने संबंध में स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना थी। आउटर क्षेत्र मरीज व किसानों के बच्चो को टारगेट करने के लिए यह अस्पताल खोला गया था। जिससे दवा के नाम पर उनसे वसूली की जा सके। आपको बता दें कि छत्ता सिंह पुरवा नत्थू ब्लॉक कल्याणपुर थाना सचेंडी का रहने वाला (मुन्ना भाई उर्फ) झोलाछाप डॉक्टर अंकित चौहान जो कि इसका संचालन कर रहा था। आपको बता दें कि अंकित चौहान कानपुर नगर व कानपुर देहात में कई क्लीनिक अस्पताल खोल चुका है। पहले तो यह लोगों को झांसे में डालकर क्लिनिक व हॉस्पिटल में पार्टनर बनाता है। फिर कुछ महीने बाद टप्पेबाजी कर सामान लेकर अपनी नई क्लीनिक नया अड्डा बना लेता है। इस तरह से इसको बदल बदल के पार्टनर भी मिलते जाते हैं ।और अपना ठिकाना यह बदलता रहता है। इसी क्रम में इसने मेहरबान सिंह पुरवा के पिपौरी गांव में अपना ठिकाना बनाया। मामले को लगातार प्रकाशित किया गया ।जिस पर स्वास्थ विभाग ने कड़ा एक्शन लिया। आपको बता दें कि झोलाछाप क्लीनिक के मामले को देख रहे एसीएमओ डॉ ए.के कनौजिया जिन्होंने पिपौरी गांव में मुन्ना भाई उर्फ अंकित की पॉलीक्लिनिक पर छापा मारा। उनके होश उड़ गए और देखा कि यहां वाकई में बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रुप से बेड डालकर अस्पताल को अवैध रूप से चलाया जा रहा है। तो उन्होने अस्पताल संचालक मुन्ना भाई उर्फ अंकित को नोटिस दिया ।नोटिस देने के बाद 3 दिन के अंदर इनको सीएमओ ऑफिस आकर जवाब देना है। कि किस आधार पर अस्पताल चला रहे हैं। एमबीबीएस डॉक्टर कौन है। साथ ही एसीएमओ ने बताया की बड़ी कार्यवाही की जाएगी। किस आधार पर संचालक ने बोर्ड लगाएं। एमबीबीएस डॉ जिनके नाम का बोर्ड लगा है उनको भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय तलब किया जाएगा। सबसे पूछताछ की जाएगी किराए की बिल्डिंग में किस आधार पर अस्पताल चल रहा जिनका संतोषजनक जवाब न देने पर बिल्डिंग सील करके। संचालक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। क्योंकि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बहुत ही सख्त हैं अवैध रूप से जो भी इस तरह से क्लीनिक अस्पताल का संचालन करेगा ।उनके ऊपर स्वास्थ्य विभाग कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा। मुन्ना भाई अंकित चौहान फिलहाल फरार है ।देखना है कि आगे यह शातिर मास्टरमाइंड किस तरह से सीएमओ ऑफिस में अपने आप को सरेंडर करता है।