संवाददाता विशाल सैनी
कानपुर (दैनिक अमर स्तम्भ) / महिला सप्ताह का शुभारम्भ करते हुए, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में ” लिंग समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” पर विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय शर्करा संस्थान द्वारा अन्य संगठनों, “ज्योति महिला समिति” और “खुशहाल बेटियां, खुशहाल समाज समिति” के साथ संयुक्त रूप से किया गया, जो महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम कर रहे हैं।
संस्थान की डा सीमा परोहा, आचार्य जीव रसायन ने अपने स्वागत भाषण मे संस्थान द्वारा चीनी उद्योग मे महिलाओं एवं लड़कियों की बेहतर भागीदारी के लिए किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। “खुशहाल बेटियां खुशहाल समाज समिति” की जोनल अध्यक्ष रविंदर अरोड़ा ने अपने संबोधन में महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित हिंसा, आर्थिक भेदभाव और बाल विवाह जैसी हानिकारक पारंपरिक प्रथाओं के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने की जरूरत है।ज्योति महिला समिति की संस्थापक प्रीति अवस्थी ने कहा कि घर में, कार्यस्थल पर और व्यापक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों में महिलाओं और पुरुषों के बीच साझा शक्ति और जिम्मेदारी का सिद्धांत स्थापित किया जाना चाहिए। अनीता अग्रवाल, अध्यक्ष, “ज्योति महिला समिति”, ने युवा पीढ़ी को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होने का आह्वान किया, जिसका उद्देश्य आत्म निर्भर होना है और जिसके लिए आवश्यक शिक्षा एवं योग्यता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।इस तथ्य को देखते हुए कि दुनिया के दस सबसे गरीब लोगों में से छह महिलाएं हैं और दुनिया के निरक्षर वयस्कों में से लगभग दो तिहाई महिलाएं हैं, महिलाओं के आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए सभी प्रयास करने की आवश्यकता है, नरेंद्र मोहन, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, उन्होंने कहा कि महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के लिए समाज का महिलाओं के प्रति बेहतर नजरिए, शिक्षा और कौशल विकास जरूरी है।संस्थान ने विभिन्न महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जिन्होंने महिलाओं और लड़कियों की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए अनुकरणीय कार्य किया है।