विजय प्रताप शर्मा ( ब्यूरो चीफ दैनिक अमर स्तंभ
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां स्थित शंकुलधारा पोखरे के पास कार से बरामद 92 लाख रूपये के मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक रमाकांत दुबे समेत सात पुलिसकर्मियों को अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध संतोष सिंह ने बर्खास्त कर दिया।
दरअसल इस कथित बरामदगी के पीछे इन पुलिसकर्मियों के मिलीभगत की लम्बी कहानी है। बैजनत्था स्थित शंकराचार्य कालोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय में घुसकर उसके कर्मचारी को आतंकित कर एक करोड़ 40 लाख रूपये की लूट की गई थी। इसमें सारनाथ के अजीत मिश्रा समेत कई आरोपित थे और पुलिसकर्मियों की भी मिलीभगत थी। हालांकि बनारस के थानों की इस समय अलग कहानी चल रही है। जो जहां है वहीं वसूली में व्यस्त है। किसी की कहानी खुल जा रही है तो कोई पकड़ लिया जा रहा है। यहां भी वही कहानी की पुनरावृत्ति हुई है।
बर्खास्त किये गये पुलिसकर्मियों में भेलूपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआई सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार, एसआई उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को पहले निलम्बित किया गया था। इसकी जांच डीसीपी काशी जोन को सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद इन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई। लिहाजा उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। गौरतलब है कि 29 जून को नारंगी रंग की कार की डिग्गी से 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले थे। लेकिन जब वाराणसी कमिश्नरेट के अफसरों ने इसकी जांच की तो कहानी कुछ और सामने आई।
डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में निलंबित इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दरोगा और तीन सिपाही शामिल रहे। कमिश्नरेट पुलिस के अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय/अपराध) संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बीते 29 मई को बैजनत्था के व्यापारी से एक करोड़ 40 लाख लूट का केस दर्ज है। बरामद नगदी उसी से संबंधित है। आरम्भिक जांच में पैसे को लेकर मारपीट का मामला सामने आया था। लेन-देन के मामले के विवाद की सूचना पर भेलूपुर पुलिस पहुंची थी। इंस्पेक्टर भेलूपुर और अन्य पुलिसकर्मियों ने दो दिनों तक मामले को अपने स्तर से दबाने का प्रयास किया। अधिकारियों के आदेश के बाद भी पैसे किसके हैं भेलूपुर पुलिस इसका पता नहीं लगा सकी। पुलिस मामले की लीपापोती में लगी रही।
बाद में गुजरात के व्यापारी विक्रम सिंह ने सारनाथ के अजीत मिश्रा उर्फ गुरुजी समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। जांच और आगे बढ़ी तो इनकी भी संलिप्तता सामने आई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
अभी एक दिन पहले पुलिस ने शंकुलधारा पोखरे के पास से मिले लाखों रुपए के मामले में आजमगढ़ जिले के अजमतगढ़ निवासी सच्चिदानंद उर्फ मंटू राय (37 वर्ष) को पुलिसलाइन से गिरफ्तार किया था। मंटू राय वाराणसी के ही शिवपुर थाना क्षेत्र के नवलपुर में रहता था। पूछताछ में उसने सारा राज उगल दिया।