यह मनुज देह बड़भाग मिली
आओ प्रभुपद वंदन कर लें
हों दूर कपट छल द्वेष दम्भ
हर मन उपवन हो खुशहाली
हर कदम सफलता की सीढी
झूमे गाये डाली डाली
हो प्यार भरोसा अपनापन
आदर समुचित सत्कार मिले
ना कहीं निरक्षर और दुखी
भूखा व्याकुल बेकार मिले
मधुरिम सपने, सब हों अपने
बस प्रेमपूर्ण विश्वास पले
सम्बन्ध बंध मजबूत बनें
मकरंद हास परिहास चले
नफरत का तिमिर हटे जग से
शिक्षा का अमिट प्रकाश मिले
चिड़ियाँ उन्मुक्त गगन विचरें
वह निडर सुघड़ आकाश मिले
इस नूतन वर्ष की चौखट से
एक नूतन सा एहसास मिले
“राघव” कर जोड़ दुआएं कर
निज नेहदीप करतल धर लें
नव स्वप्न सजाकर अंतस में
नववर्ष का अभिनन्दन कर लें
नववर्ष का अभिनन्दन कर लें
नववर्ष का अभिनन्दन कर लें
आप सभी को भारतीय नववर्ष और पावन नवरात्र के अवसर पर से हॄदय से अनेकानेक शुभकामनाएं । यह वर्ष आपके लिए सुख शान्ति सम्पदा सफलता उन्नति एवं सद्मार्ग की समस्त कामनाओं को पूरा करते हुए चौतरफा मंगलकारी हो, माँ जगदम्बा सभी मनोरथ पूर्ण करें
॥ भूपेन्द्र राघव ॥
( गाजियाबाद )