भोपाल सिंह
बिजनौर:-माननीय मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में मछली उत्पादन को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं और शासन द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ शासन के निर्देशों के अनुरूप पत्र लाभार्थियों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों को पट्टे आवंटित किए गए हैं अथवा जिन पट्टों को निरस्त किया गया है उनके मानकों की जांच करना सुनिश्चित करें यदि जांच में पट्टों का आवंटन अथवा निरस्तीकरण निर्धारित मानकों अनुरूप नहीं पाया जाता तो उसकी जांच अखियां प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में शासन द्वारा लाभार्थी को अनुदान का लाभ उपलब्ध कराया जाता है उन योजनाओं के सापेक्ष प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों को जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत करें और मानक के अनुरूप ही लाभार्थियों का चयन करें। माननीय मंत्री डॉक्टर निषाद कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दे रहे थे।उन्होंने कहा कि शासन द्वारा मछुआरा समुदाय के विकास एवं उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार की मत्स्य योजनाएं संचालित की जा रही है जिसका उद्देश्य यह है कि मत्स्य से संबंधित कारोबार करने वाले लोगों को उसका अपेक्षित लाभ प्राप्त हो और उनका आर्थिक और सामाजिक उत्थान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज वोट सब्सिडी योजना, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मत्स्य पालक कल्याण कोच योजना तथा सदन मत्स्य पालन के लिए एयरेशन सिस्टम की स्थापना से संबंधित सभी योजनाओं की प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की। समीक्षा के दौरान समस्त स्रोतों से मत्स्य बीज की उपलब्ध उपलब्धता निजी क्षेत्र से पाए जाने पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मत्स्य बीज की उपलब्धता निजी क्षेत्र से नहीं बल्कि निगम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देशित किया कि मत्स्य योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को शत प्रतिशत रूप से सुनिश्चित करने के लिए लंबित आवेदनों का 15 दिन के अंदर निस्तारण करना सुनिश्चित करें और किसी भी अवस्था में आवेदनों को लंबित न रहने दें। इसी के साथ उन्होंने मछुआ बीमा योजना का लक्ष्य भी 15 दिन के अंदर पूरा करने के मत्स्य विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मत्स्य योजनाओं का लाभ मछली का कार्य करने वाले मछुआ समुदायों अथवा मत्स्य व्यापार में शामिल लोगों को ही उपलब्ध कराया जाए कोई भी अन्य व्यक्ति शासकीय योजनाओं के लाभ से लाभान्वित न होने पाए। उन्होंने उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मत्स्य विभाग से संबंधित जो भी योजनाएं संचालित हैं उसमें अपना पूर्ण रूप से योगदान उपलब्ध कारण ताकि बिजनौर को मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, उपनिदेशक प्लानिंग एजाज अहमद नकवी, उपनिदेशक मत्स्य मुरादाबाद विजय शंकर चौरसिया, उपनिदेशक मत्स्य बिजनौर श्रीमती नीतू सिंह, लीड बैंक मैनेजर सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।