सेवा निरंतरता व प्रोन्नति की लड़ाई हेतु संघर्ष रहेगा जारी
सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक प्रोन्नति बिना नियुक्ति पत्र नहीं लेंगे
मुरारी कुमार चौधरी , ब्यूरो चीफ
महुआ ( दैनिक अमर स्तंभ ) । राजकीय मध्य विद्यालय महुआ कन्या में बैठक बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष असर्फी दास जी के अध्यक्षता में हुई। बैठक में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष अध्यक्ष ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सुबे के लाखों प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक सरकार की शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी नीति का लगातार पुरजोर विरोध करते रहे हैं। खासकर नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा लेकर सरकार राज्य कर्मी बनाने का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का कार्य कर रही है। क्योंकि नियमित सहायक शिक्षक की भाॅति वेतनमान,प्रोन्नति समेत अन्य सुविधा नहीं है। फिर नियोजित शिक्षकों को परीक्षा लेकर किस प्रकार का राज्य कर्मी बनाया जा रहा है। यही उनके नीति को उजागर करता है। श्री दास ने स्पष्ट कहा कि आगामी तृतीय सक्षमता परीक्षा में नियोजित शिक्षक भाग नहीं लेंगे क्योंकि सक्षमता परीक्षा नियोजित शिक्षकों के वर्षों की सेवा अवधि को समाप्त करती है साथ ही प्रोन्नति से मिलने वाले वेतन उन्नयन की लाभ लेने, स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति लेने का अवसर समाप्त कर देती है। उन्होंने कहा कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक भी अपनी सेवाओं के दरम्यान मिलने वाली प्रोन्नति, सेवा निरंतरता नहीं होने की स्थिति में विशिष्ट शिक्षक हेतु किसी भी परिस्थिति में नियुक्ति पत्र नहीं लेंगे। विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति एवं पदस्थापन नये होने के कारण दो वर्ष प्रोग्रेसन अवधि के कारण वार्षिक वेतन बढोत्तरी नहीं मिलेगा। हर दृष्टि कोण से नये राज्य कर्मी बनने पर नुकसान ही है। श्री दास ने कहा कि एकजुट होकर शिक्षकों के हक की लड़ाई जारी रखते हुए नियोजित शिक्षकों को 9300 – 34800 का नियमित वेतनमान व सहायक शिक्षक का दर्जा देते हुए राज्य कर्मी बनने तक संघर्ष को निरंतर जारी रखेंगे। शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए माँग करते हैं कि सक्षमता परीक्षा की प्रक्रिया को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नति व सेवा निरंतरता का लाभ देते हुए सहायक शिक्षक की भाॅति नियमित वेतनमान एवं सारी सुविधाएं देने की अभिलंब घोषणा करें अन्यथा आने वाले दिनों में सूबे के लाखों शिक्षक तीव्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। बैठक में संघ के द्वय नेता ललित दास, अरुण कुमार, सत्येंद्र कुमार,सकिन्द्र कुमार,आशिक हसन,दिलशेर,अरुण कुमार,अनिल सुमन,अमित कुमार, मो दिलशेर ने संयुक्त रूप से कहा कि दो बार सक्षमता परीक्षा लेने के बाबजूद राज्य में एक लाख से अधिक शिक्षक सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होकर सरकार के गलत नीतियों का पर्दाफाश कर दिया है। गलत झांसे में आकर सक्षमता परीक्षा देने वाले शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा सबक है। तृतीय सक्षमता परीक्षा में जिले के बचे हुए एक भी शिक्षक परीक्षा के लिए आवेदन किसी भी सुरत में नहीं करेंगे। सक्षमता परीक्षा देना अपने सेवा सुविधा का आत्म हत्या करने के समान है।