ए पी सिंह
प्रयागराज (दैनिक अमर स्तम्भ)– हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की सहायक प्रोफेसर भर्ती में पीएचडी व नेट वालों को अंक देने में विभेद करने को लेकर दाखिल याचिका पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अजीत कुमार राय की याचिका पर दिया है। इससे पहले भी कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का समय दिया था लेकिन फिर समय मांगा गया है। याची के अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी का कहना है कि याची ने नेट क्वालीफाई किया है। भर्ती में न्यूनतम अर्हता परास्नातक के साथ नेट रखी गई है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार नेट के लिए पांच अंक और पीएचडी वालों को 30 अंक दिए जाने की बात है। भर्ती में पीएचडी बाध्यकारी नहीं है। अब पीएचडी किए बगैर नेट क्वालीफाई अभ्यर्थियों को चयन में शामिल होने का अधिकार दिया गया है। नेट को पांच अंक व पीएचडी को 30 अंक देना विभेदकारी है। इससे नेट वालों को चयन का अवसर नहीं मिलेगा।