रिपोर्टर– जावेद अली आजाद
जिला कोरबा ब्यूरो(अमर स्तम्भ)। बेरोजगार भू विस्थापितों की रोजगार मांगों को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा खान प्रबंधक के द्वारा तानाशाही और कूटनीति के कारण आज कुसमुंडा खदान के कार्य पूरी तरह से बंद है। सैकड़ों की तादाद में बेरोजगार भूविस्थापित खदान के अंदर घुसकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे हैं । इस दौरान खदान में चलने वाली प्रोटेक्शन गाड़ियों को चक्का जाम किया गया है साथ ही बड़ी संख्या में बेरोजगारों की तादाद खदान के अंदर धरना प्रदर्शन आंदोलन में देखने को मिली है। बेरोजगारों में रोजगार की मांग को लेकर भारी आक्रोश और उग्र हो चुके है।
ज्ञात हो कि बेरोजगार भूविस्थापित और रोजगार किसान एकता संगठन के द्वारा लगातार कुसमुंडा खान प्रबंधक को रोजगार संबंधित मांगों को लेकर जानकारी दी जाती रही है परंतु खान प्रबंधक के द्वारा प्रथम सिरे से ही उनकी मांगों को लेकर खारिज की जाती रही है जिससे कि बेरोजगार क्रोधित होकर खदान परिसर के मुख्य मार्ग पर बड़ी संख्या की तादाद में महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे एवं पुरुषों के द्वारा आज अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
बता दें कि भूविस्थापित बेरोजगार किसान एकता संगठन के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप और आला अधिकारियों के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में आकर बेरोजगार किसानों के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन आंदोलन कुसमुंडा खदान परिसर में किया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक यह आंदोलन जारी रहा है। संगठन के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप का कहना है कि पूर्व में जिला प्रशासन एवं एसईसीएल कुसमुंडा खान प्रबंधक एवं अधिकारियों और बेरोजगार भूविस्थापितों के मध्य त्रिपक्षीय वार्ता रोजगार को लेकर हुई थी जिसमें आश्वासन दिया गया था कि सभी को दिनांक 27.03.2022 तक रोजगार दिया जाएगा परंतु इसके विपरीत एसईसीएल कुसमुंडा खान प्रबंधक के द्वारा छल,कपट एवम कूटनीति करते हुए एक भी बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार नहीं दिलाई गई। जिससे कि बेरोजगार किसान आक्रोशित में आकर उग्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में जिला प्रशासन एवं शासन और कुसमुंडा खान प्रबंधक को रोजगार संबंधित मांगों को लेकर सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन और प्रबंधक के द्वारा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की कोई पहल नहीं की गई। भूविस्थापित बेरोजगार आक्रोशित होकर मजबूरन उन्हें कुसमुंडा खदान प्रोटेक्शन के कार्य को तबाव पूर्वक पूरी तरह से ठप कर दिया गया। खदान के कार्य बंद होने से और मिट्टी,कोयला प्रोटेक्शन उत्पादन कार्य ठप होने से राजस्व को करोड़ों की हानि हुई है।
भू विस्थापित किसान एकता संगठन का कहना है कि जब तक रोजगार संबंधित मामलों को लेकर कुसमुंडा खान प्रबंधक के द्वारा मांगों को तत्काल पूरा नहीं किया जाता है तब तक कुसमुंडा खदान के अंदर उग्र धरना प्रदर्शन आंदोलन करने के साथ इंकलाब का नारा समूचे कुसमुंडा खदान में गूंजेगा। देखने वाली बात यह होगी कि बेरोजगारों को रोजगार मिलती भी है की नही या फिर यूं ही आक्रोशित भू विस्थापित किसानों के द्वारा धरना प्रदर्शन आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।