भगवान श्री श्री आनन्द मूर्ति जी के प्रतिकृति पर पुष्पांजलि तथा दीप प्रज्ज्वलित कर ‘बाबा’ का जय जयकार से शुरू किया गया ‘योग फाॅर लिबरेशन’ के योग महोत्सव का चौथा व अन्तिम दिन
अमर स्तम्भ ब्यूरो
रांची। ‘योग फाॅर लिबरेशन’ के तत्त्वावधान में आयोजित ‘चार दिवसीय योग महोत्सव’ के चौथे दिन का शुभारम्भ गुरुदेव श्री श्री आनन्दमूर्त्ति जी के प्रतिकृति पर पुष्पांजलि तथा दीप प्रज्ज्वलित करके शंखनाद और बाबा का जय जयकार तथा ठीक पांच बजे पाञ्चजन्य से प्रातः ब्रह्म मुहूर्त्त में हुआ। पाञ्चजन्य में आज प्रभात संगीत ईशिता शर्मा(जयपुर) तथा व्यंजना आनन्द; कीर्त्तन पंकज बजाज (देहरादून) तथा गुरु पूजा व्यंजना आनन्द ने करवाया। आनलाइन आयोजित इस योग महोत्सव में बहुत लोग भाग ले रहे हैं। विगत दिनों की भाॅंति आज भी प्रातः ठीक 6.00बजे योगाभ्यास का कार्यक्रम फोरम के टाइटल साॅन्ग के विडियो के साथ शुरू हुआ। आरम्भ में सभी प्रतिभागियों ने वैदिक ऋचा ‘संगच्छध्वं…’ का समवेत उच्चारण किये जिसका भाव है सबलोग एक साथ, एक मन प्राण तथा हृदय की एक ही आकुति के साथ आगे बढ़ें। भूमा भाव के एकत्व को समझकर अपनी आवश्यकता के अनुसार ‘एक स्वस्थ मानव समाज’ की स्थापना करने में सक्षम हो सकें।
इसके बाद पंकज बजाज ने सूक्ष्म व्यायाम करवाया, तत्पश्चात् आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ने सबों को श्वास क्रिया तथा आग्नेय प्राणायाम का अभ्यास करवाया और उसके बारीकियों को बताया।
आज योगाभ्यास का नेतृत्व फोरम के योग प्रशिक्षक पंकज बजाज ( देहरादून) ने किया। आज प्रतिभागियों को मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध तथा सहस्त्रार चक्रों से सम्बन्धित योग मुद्रा, शशांगासन, हलासन, सर्वांगासन तथा मत्स्य मुद्रा और झूलासन का अभ्यास करवाया, वहीं इन महत्वपूर्ण आसनों के लाभ और किन्हें करना चाहिये और किन्हें नहीं करना चाहिए इसका समुचित ज्ञान व्यंजना आनंद ने दिया वहीं सम्पूर्ण बाॅडी मसाज सुजाता दीदी (भागलपुर)और शवासन रत्नेश श्रीवास्तव (फरीदाबाद) ने करवाया।
बच्चियों की कौशिकी प्रतियोगिता में तनवी देव (बेतिया) , ईशिता शर्मा ( जयपुर ), जागृति श्रीवास्तव ( तृतीय) स्थान प्राप्त किया।
तदुपरान्त, पुरुषों व बच्चों का अलग अलग सत्र में ताण्डव प्रतियोगिता करवाया गया जिसमें बाल वर्ग में तन्मय तथागत (बालेश्वर, ओडिशा) प्रथम, तन्मय देव(पटना) द्वितीय तथा किसलय(दमन) तृतीय स्थान पर रहे। आज ‘फीडबैक सत्र’ में विजया मोरे(सोलापुर), गायत्रीदेवी (बेतिया), प्रतिमा बनर्जी(नई दिल्ली), प्रेम प्रकाश (नवादा, बिहार), प्रभा अग्रवाल (कौशाम्बी), के के कौशल(फरीदाबाद), सुजाता देवी (भागलपुर), गयाधर बेहरा(बालेश्वर, ओडिशा), रत्नेश श्रीवास्तव (फरीदाबाद)आदि ने अपने अनुभवों को साझा किया जो अत्यन्त मार्मिक और प्रेरणादायक था।
प्रातः कालीन सत्र के अन्त में आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत जी ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
आज अपराह्न पाॅंच बजे ‘चार दिवसीय योग महोत्सव’ के अन्तिम व समापन पर्व के अवसर पर आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ने गुरुदेव श्री श्री आनन्दमूर्त्ति जी के प्रतिकृति पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित किया, वहीं पंकज बजाज ने शंखध्वनि से वातावरण को शुद्ध परिशुद्ध कर दिया। तत्पश्चात् प्रकृति देव (बड़ौदा) तथा ज्योत्स्ना कुमारी (कटिहार) ने प्रभात संगीत पर आधारित नृत्य का परिवेशन कर दर्शकों का मन मोह लिया। तत्पश्चात् वाणी श्रीवास्तव (फरीदाबाद) , तथा पंकज बजाज ने अपने अपने मधुर कण्ठ से प्रभात संगीत का सुमधुर गायन कर सभी भक्तों को भाव रस में सराबोर कर दिया। रत्नेश जी ने भावपूर्ण कीर्त्तन करवाया। मिलित साधना (Collective Meditation) के बाद व्यंजना आनन्द ने गुरु पूजा तथा स्वाध्याय करवाया। तत्पश्चात् आचार्य गुणीन्द्रानन्द ने स्वाध्याय के विषय पर अपने विचार विस्तार से रखे तथा जिज्ञासुओं के अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान भी दिया।
समापन पर्व पर प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय आये प्रतिभागियों को तथा अन्य दृष्टिकोण से अव्वल प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को भी ‘प्रमाण पत्र’ देकर सम्मानित किया गया। योग महोत्सव की संयोजिका व्यंजना आनन्द ने ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान 10दिनों का ‘बाल योग सुसंस्कार शिविर'(Children Yoga and Character- Building Camp) के आयोजन का प्रस्ताव रखा जिसका अनुमोदन सबों ने किया। आगामी कुछ दिनों में इसका तिथि निर्धारण कर लिया जायेगा। इस महोत्सव में पूरे उत्साह और उमंग के साथ भारत के कोने कोने से शामिल होनेवाले दर्जनों प्रतिभागियों को अन्त में व्यंजना आनन्द ने हृदय से आभार प्रकट किया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया।