गरियाबंद, जनपद पंचायत अध्यक्ष के पति द्वारा जनपद क्षेत्र और पंचायतों में नियम विरुद्ध कार्य कराए जाने का दबाव की शिकायत जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और जनपद सदस्यो द्वारा जनपद सीईओ से किया गया । आवेदन में उन्होंने बताया कि वे जनपद पंचायत गरियाबंद में निर्वाचित जनप्रतिनिधि है।जनप्रतिनिधि का कार्य शासन की समस्त योजनाओं को आम जनता तक पहुंच सुलभ कराने हेतु प्रतिबद्ध है,एवं क्षेत्र के विकास हेतु संकल्पित है । किन्तु हमारे जनपद पंचायत गरियाबंद अध्यक्ष के पति द्वारा राजनीतिक प्रभाव व रौब दिखाते हुये जनपद एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र के काम में हस्तक्षेप किया जाता है । जनपद पंचायत गरियाबंद को प्राप्त पुरस्कार की राशि 13 लाख रुपये का बंदरबांट कर दिया गया , क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में प्राप्त 15 वें वित्त मद की राशि से 2 लाख रुपये से 4 लाख रूपये तक सोलर लाईट लगाने हेतु दबाव बनाकर कमीशन खोरी कर मोटी रकम की हजम किया जा रहा है।जनपद पंचायत गरियाबंद की सामान्य सभा में पारित प्रस्ताव के कार्यों की सूची में भी हरफेर किया जाता है । जिससे हम सभी जनपद सदस्य अध्यक्ष एवं उनके पति के कामकाज से असंतुष्ट है । क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में ठेकादारी कर गुणवत्ताविहीन कार्य करा दिया जाता है जिससे आमजनों द्वारा शिकायत किया जाता है । इस प्रकार से अध्यक्ष के पति द्वारा जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के कार्यों में दखल देकर गुणवत्ताविहीन कार्य करते हुये शासकीय योजनाओं में प्राप्तः राशि का गबन एवं दुरूपयोग किया जा रहा है। आवेदन में उन्होंने मांग किये की अध्यक्ष जनपद पंचायत गरियाबंद के पति द्वारा किये जा रहे हस्तक्षेप पर लगाम लगाते हुये दोषी के विरुद्ध उचित कार्यवाही किया जाए।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन ने जनप्रतिनिधि कानून के अंतर्गत किसी भी जन प्रतिनिधि को न तो अपने या अपने रिस्तेदारो के नाम कोई कार्य का ठेका लेने का अधिकार है और न तो वह ठेके में दे सकता है । वही किसी भी जनप्रतिनिधि महिला के पति को यह अधिकार नही है कि विकासकार्यो में दखल दे सकता है और यह भी की अपने पत्नी के कार्यक्षेत्र में हतक्षेप करे या उसके कार्यो को देखे , और न ही महिला जन प्रतिनिधि के कार्यालय में कब्जा कर उसमें ही नजर आए ।