सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ पत्रकारों का महा आंदोलन 6 मई अम्बिकापुर में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति।
प्रदेश की जेलों में बंद बिना जांच एफआईआर पत्रकारों को नि:शर्त रिहा करो ।
प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करो , पत्रकारों पर प्रशासनिक दबाव बन्द हो।
प्रदेश के पत्रकार संगठनों से आग्रह आंदोलन का समर्थन कर एकता का परिचय देकर आंदोलन में शामिल हो।
गरियाबंद : छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पत्रकारों का संगठन अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा प्रदेश में सरकार एवं प्रशासनिक अत्याचार बन्द करने , बिना जांच पत्रकारों पर हुई एफआईआर की वापस लेने एवं जेल में बंद पत्रकारों को नि:शर्त रिहा के साथ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किये जाने की मांग को लेकर 6 मई को अम्बिकापुर में प्रदेश स्तरीय धरना,ज्ञापन एवं जेलभरो आंदोलन किया जाएगा । धरना प्रदर्शन में प्रदेश के हजारों की संख्या में पत्रकार अम्बिकापुर में पहुँचेगे ।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने प्रदेश के अन्य पत्रकार संगठनों को भी आमंत्रित करते हुए कहा है कि अब हमें एकता दिखाने का समय आ चुका है पत्रकार जगत इस सरकार में जितना प्रताड़ित हो रहा है वो पहले कभी नही हुआ आये दिन पत्रकारों पर प्रशासन ,पुलिस प्रशासन द्वेषपूर्ण कार्यवाही करके पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है जिसके खिलाफ 6 मई को प्रदेश स्तरीय धरना एवं जेल भरो आंदोलन का आगाज हुआ है जिसमे सभी पत्रकार संगठन,समाजिक संगठन,बार एसोसिएशन समर्थन देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराए एवं प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द लागू हो सके उसके लिए एकता के साथ इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की है ।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन बैठक में हर जिले ,ब्लॉक में बैठक करके आंदोलन में अधिक से अधिक पत्रकार शामिल हो सके उसकी तैयारी करने में सहमति हुई एवं अन्य पत्रकार संगठनों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की गई ।
गरियाबंद जिला अध्यक्ष ज्ञानेश तिवारी ने भी जिले से अधिक से अधिक पत्रकारों को इस आंदोलन में शामिल होकर अपनी शक्ति दिखाने की अपील करते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुचने की जानकारी दी है ,जिले से गरियाबंद,फिंगेस्वर,
मैनपुर, छुरा,देवभोग के पत्रकार इस आंदोलन में जाने की तैयारी कर रहे है । बताया कि जिले में समिति के महामंत्री नंदकिशोर फुलझेले, उपाध्यक्ष महेंद्र सहिस, सचिव रमेश देवदास को आंदोलन में शामिल होने के सम्बंध में अलग अलग जिम्मेदारी सौपी गयी है ।