शिक्षा गीत
पढ़ा-लिखा अपना भारत हो,हम सबने ये ठाना है
अंधकार का युग गुजरेगा,नया सवेरा आएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा,जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
पढ़ा-लिखा अपना भारत हो,हम सबने ये ठाना है।
जोश-जुनून और लगन-शक्ति का दीपक हमें जलाना है।
चीर के रातों के आंचल को,सूरज फिर मुस्काएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा,जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का …………………….
जाति-धर्म की कुरीतियों की,जंजीरों को तोड़ेंगे।
देश में फैले अमन-चैन,हम प्रेम पिटारा खोलेंगे।
एक सूत्र में बंधकर भारत,विश्व शक्ति बन पाएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा,जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का …………………….
नन्हें-मुन्ने इन पौधों को, ज्ञान के जल से सीचेंगे।
मनमोहक सुगंध से सबको,अपनी ओर ये खींचेगे।
ज्ञान की खुशबू से समाज का,हर उपवन खिल जाएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा जिस दिन, शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का……………………..
शिक्षा से हर सपना सच हो,आसमान में उड़ने का।
बिना किसी हथियार के सम्मुख,हर शक्ति से लड़ने का।
शिक्षा वो ज्योति जिससे,उज्ज्वल भविष्य हो जाएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा,जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का……………………..
धन दौलत क्या, महल खजाना सब कुछ पल की बातें हैं।
इनके जाने से हो सकतीं बेबस सबकी रातें हैं।
शिक्षा वो दौलत है जिसको, कोई बांट न पाएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा,जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का……………………..
शिक्षा से हम सारी दुनिया,को मुठ्ठी में भर लेंगे।
हों कतार में कहीं भी लेकिन,खुद को आगे कर लेंगे।
शिक्षा से भारत फिर सोने की, चिड़िया बन पाएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा, जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
अंधकार का युग गुजरेगा, नया सवेरा आएगा।
भारत का बच्चा-बच्चा, जिस दिन शिक्षित हो जाएगा।
उपासना राजपूत
(स०अ०)
औरैया (उप्र)