बिजली मैकेनिक की बेटी ने ग्रीस में जीता जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंम्पियनशिप में सिल्वर मेडल,

हरदीप छाबड़ा
राजनांदगांव(अमर स्तम्भ)। प्रतिभा कभी भी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती है. प्रतिभा और लगन के बलबूते पर कमजोर से कमजोर व्यक्ति ठान ले तो वह असंभव को संभव कर सकता है. यही कारनामा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की ज्ञानेश्वरी ने कर दिखाया है. पिता बिजली मैकेनिक हैं. जिनके सपने को उनकी बेटी ने साकार किया है. आर्थिक तंगी के बाद भी इस पिता ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए अपनी पॉकेट मनी काट- काट कर बेटी के डाइट को पूरा किया और आज बेटी ने ग्रीस में हुए जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल हासिल कर प्रदेश ही नहीं देश का नाम रोशन किया है.

ग्रीस में जीता जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल

शासकीय दिग्विजय कॉलेज राजनांदगांव में बीए प्रथम में पढ़ने वाली छात्रा ज्ञानेश्वरी यादव ने ग्रीस में आयोजित जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ओवराल 156 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल प्राप्त कर खिताब पर कब्जा किया है. ज्ञानेश्वरी प्रदेश की पहली महिला वेटलिफ्टर है, जिसने विदेश में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल लेकर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

पिता पेशे से है बिजली मैकेनिक

ज्ञानेश्वरी के पिता दीपक यादव पेसे से बिजली मैकेनिक हैं और प्राइवेट संस्था में काम करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी पिता ने कभी बेटी को खेलने से नहीं रोका. बल्कि बेटी की रुचि को देखते हुए वेटलिफ्टिंग जैसे हैवी प्रैक्टिस वाले गेम के लिए प्रोत्साहित किया और बच्ची के लिए हजारों पर खर्च किए. रुपयों की जरूरत पड़ी तो ज्ञानेश्वरी के पिता ने अपने दोस्त और रिश्तेदारों से आर्थिक मदद लेकर बेटी के साथ अपने सपने को साकार किया.

पिता का सपना ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाए बेटी

आर्थिक तंगी के बाद भी ज्ञानेश्वरी का खेल लगातार निखरता गया. ज्ञानेश्वरी के परिवार को अभी तक किसी प्रकार की भी सरकारी सहायता नहीं मिली है. ना केंद्र सरकार से ना ही राज्य सरकार किसी प्रकार से मदद मिली है. उसके बाद भी ज्ञानेश्वरी का खेल बदस्तूर जारी रहा और ज्ञानेश्वरी अपने खेल का लोहा हर जगह मनवाते हुई आ रही है. अगर सरकारी प्रोत्साहन और सही प्रशिक्षण मिले तो आने वाले समय में ज्ञानेश्वरी और भी मेडल देश के लिए बटोर सकती है. ज्ञानेश्वरी के पिता का सपना है कि उनकी बेटी ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक लाएं.

खेल के बदौलत कई खिताब जीते है ज्ञानेश्वरी ने

ज्ञानेश्वरी ने 2022 में भुवनेश्वर में आयोजित ओपन जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त कर वर्ल्ड स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई थी. ज्ञानेश्वरी के खाते में और भी पदक हैं. राष्ट्रीय गेम्स 2018 गुवाहाटी में कांस्य पदक,खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2019 में रजत पदक,2020 में ओपन यूथ एवं जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में रजत. लगातार पदकों का सिलसिला जारी है. वहीं ग्रीस में आयोजित प्रतियोगिता में ज्ञानेश्वरी ने सिल्वर मेडल प्राप्त कर देश सहित छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रोशन किया.

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