विषय चित्र आधारित सृजन_दोहा सृजन
रस _वीर रस
स्थाई भाव- उत्साह
दिनांक १०/५/२२
शिक्षित नारी
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नयी ज्ञान तकनीक को, मान रही आधार।
नारी पढ़ लिख ढूॅंढती, लैपटॉप पर सार।।
प्रत्याशा का भाव रख, नारी करे कमाल।
नित्य नई तकनीक से, सीखे करे धमाल।।
खेती की ही आड़ में,बैठ खोजती कर्म।
पढ़ी लिखी हो बेटियाॅं, हाथ बॅंटाना धर्म।।
खेत कर्म के साथ ही, लैपटॉप रख पास।
ढूॅंढ रही है नौकरी,नारी मन रख आस।।
अटल बना विश्वास है, नारी दृढ़ मन साथ।
अन्न उपज विस्तार में , नारी का हो हाथ।।